कानपुर(ब्यूरो)। बिना आराम 12-12 घंटे लंबी ड्यूटी और काम का बढ़ता बोझ पुलिस के जवानों को बीमार बना रहा है। लगातार काम से नींद तक पूरी नहीं हो पाती। बीते दिनों इसी थकान ने चकेरी के कोयला नगर चौकी में तैनात हेडकांस्टेबल जगत नारायण की जान ले ली। गश्त पर निकले हेडकांस्टेबल को नींद का झोंका आया और अनियंत्रित बाइक सतबरी रोड नाले में जा गिरी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साथ में चल रहा होमगार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया। जांच में पता चला कि लगातार काम के दबाव के चलते नींद पूरी नहीं हो पाई थी।


कई पुलिस कर्मी हैैं बीमार
जगतनारायण की तरह ही महकमे में ऐसे कई पुलिसकर्मी हैं जो अवकाश न मिलने के चलते अनिद्रा और ब्लडप्रेशर जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस दिशा में सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए। कमिश्नरेट लागू होने के बाद रोस्टर बनाया गया। 10 दिन की ड्यूटी के बाद एक दिन का अवकाश देने की व्यवस्था लागू हुई लेकिन चार माह में ये प्लान दम तोड़ गया। शहर में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद पुलिस फोर्स भले बढ़ गया हो लेकिन पुलिसकर्मियों को कोई राहत नहीं मिली है। 12-12 घंटे की ड्यूटी, काम का बोझ और परिवार से दूरी पुलिसकर्मियों को तनावग्रस्त कर रही है। इसी समस्या के चलते पुलिसकर्मी परिवार को साथ भी नहीं रख पाते हैं।

मार्च 2021 में लागू किया रोस्टर
पिछले साल मार्च महीने में शहर के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने पुलिसकर्मियों को राहत देकर दबावमुक्त करने के लिये रोस्टर बनाकर 10 दिन की ड्यूटी के बाद एक दिन के अवकाश की व्यवस्था लागू की थी। जो करीब चार महीने में ही समाप्त हो गई।

12 घंटे की ड्यूटी करनी ही है
पीआरवी की पेट्रोङ्क्षलग हो या सामान्य ड्यूटी, दारोगा और सिपाहियों को 12-12 घंटे की ड्यूटी करनी ही होती है। पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) की ड्यूटी तो और भी ज्यादा कठिन है। उन्हें रिस्पांस टाइम के अंदर ही घटनास्थल पर पहुंच कर मामले का निस्तारण करा कर रिपोर्ट भी देनी होती है। हालांकि, होमगार्ड और पीआरडी जवानों की ड्यूटी का समय केवल आठ-आठ घंटे का ही होता है। वह जिस दिन छुट्टी लेते हैैं उन्हें उस दिन का मानदेय नहीं मिलता है। कभी-कभी साथी के समय पर न आने की वजह से सिपाही को 12 घंटे से ज्यादा समय तक भी नौकरी करनी पड़ती है।

कुछ भी हो नहीं मिलती छुट्टी
- बाबू पुरवा सर्किल में तैनात एक सब इंस्पेक्टर ने बताया कि कुछ दिन पहले परिवार में शादी थी। छुट्टïी के लिए आवेदन किया। कहा गया कि शहर का माहौल तनाव पूर्ण है, छुट्टïी न मिल पाएगी।
- स्वरूप नगर थाने में तैनात एक सिपाही ने बताया कि कुछ दिन पहले चचेरी बहन की तबीयत खराब होने पर छुट्टी मांगी थी। कहा गया कि परिवार के अन्य लोग देख लेंगे। ज्यादा परेशान मत हो।
- फीलखाना थाने के एक सिपाही ने कहा कि बेटी की शादी के लिये लडक़ा देखने जाना था। छुट्टी मांगी तो कहा गया अभी शहर की स्थिति संवेदनशील है। फोर्स की जरूरत है बाद में चले जाना

तीन जून के बाद से बढ़ गई व्यस्तता
तीन जून को कानपुर देहात में राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत तमाम वीवीआईपी को आना था। जिसमें ड्यूटी लगाई गई। दो दिन पहले से फोर्स कानपुर देहात में ड्यूटी पर गया था। 3 जून को हुए विवाद के बाद से लगातार ड्यूटी और उसके बाद बकरीद, जुमे की नमाज, सावन का महीना समेत तमाम ऐसे मौके आए, जिसमें पुलिस की मौजूदगी बहुत जरूरी थी, लिहाजा पुलिस की लगातार ड्यूटी लगाई गई, जिससे पुलिसकर्मियों का रुटीन भी बदल गया।

&& 10 दिनों में एक दिन के अवकाश की व्यवस्था बंद नहीं है। नई सडक़ उपद्रव के बाद से शहर की कानून व्यवस्था को लेकर गंभीरता बरती जा रही थी, इसीलिए अवकाश निरस्त कर दिए गए। अब स्थिति सामान्य है। अवकाश मिलेंगे.&य&य
- विजय ङ्क्षसह मीना, पुलिस आयुक्त