कानपुर (ब्यूरो) मामला कुछ महीने पहले का है। जब वर्तमान में डीसीपी क्राइम शिवाजी डीसीपी ईस्ट हुआ करते थे। डीसीपी के ऑफिस में तैनात पुलिस कर्मी देवेंद्र मौर्या ने डीसीपी के फर्जी दस्तखत कर तमाम गलत काम किए थे। इस मामले की जानकारी जब कई सीनियर ऑफिसर्स को हुई तो कमिश्नरेट में हडक़ंप मच गया। देवेंद्र मौर्या को सस्पेंड कर जांच वर्तमान डीसीपी ट्रैफिक को दी गई। जब जांच की गई तो कई मामले सामने आए। सूत्रों के मुताबिक ट्रांसफर गश्ती पर भी तत्कालीन डीसीपी ईस्ट के दस्तखत देवेंद्र मौर्या ने कर दिए थे।
जांच में कई मामलों में दोषी
देवेंद्र मौर्या की निलंबन के बाद जब जांच शुरू हुई तो एक के बाद एक कई मामले सामने आते चले गए। सभी मामलों में जांच बैठा दी गई। जांच हो रही थी, जबकि कुछ जांचें पूरी भी हो गईं। इसी बीच देवेंद्र मौर्या हाईकोर्ट चला गया। कमिश्नरेट के खिलाफ रिट दायर कर दी जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और जांच पूरी होने की बात कही। हाईकोर्ट ने कमिश्नर के लिए नोटिस जारी कर दिया।
यहां भी सामने आई लापरवाही
बीते सप्ताह जब नोटिस रिट सेल में आया तो यहां तैनात पुलिसकर्मी मौसम और सुरेश मिश्र ने जवाब भेजने के बजाय वाट्सएप पर स्टैैंडिंग काउंसलर को पत्र का जवाब भेज दिया। शनिवार देर शाम हाईकोर्ट का नोटिस पुलिस कमिश्नर के लिए आया तो विभाग के अधिकारियों को हाथ-पैर फूल गए। जानकारी करने पर रिट सेल में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आ गई। इसके बाद रविवार रात ही मौसम और सुरेश मिश्र को रिट सेल से हटा दिया गया।&& लापरवाही करने पर रिट सेल के दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है.&य&य
बीपी जोगदंड, पुलिस कमिश्नर कानपुर कमिश्नरेट