कानपुर (ब्यूरो)। पुलिस कर्मियों का आम पब्लिक से बुरा बर्ताव करना आम बात है। कानपुर कमिश्नरेट में कई ऐसे मामले आए जिससे खाकी का सिर नीचा हुआ। वहीं, पुलिस कर्मियों के सुसाइड के भी कई मामले सामने आए। ऐसे में देश की बड़ी अकादमी के बुद्धजीवियों ने चर्चा की। इसमें पता चला कि पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग में पेशेंश और सोशल रिलेशन की कमी है। ऐसे में अब पुलिस के ट्रेनिंग कोर्स में बदलाव किया गया है। अब अकादमी हो या पीटीसी। पुलिस कर्मियों की बेसिक ट्रे्निंग में इन्हें पेशेंश और सोशल रिलेशन का भी पाठ पढ़ाया जाएगा।
मेंटली स्ट्रांग होंगे
अकादमी के आरआई दिग्विजय सिंह ने बताया कि पुलिस कर्मियों को टे्रेनिंग के दौरान फिजिकली और मेंटली मजबूत किया जाता था, लेकिन हो रही घटनाओं की वजह से शासन के निर्देश पर दो टॉपिक बढ़ाए गए हैैं। इसमें जवानों को ट्रेनिंग के दौरान ही तमाम तरह की ड्रिल सिखाई जाएंगी जिससे ये मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत होंगे।
ये सिखाया जाएगा
हॉट एंड कोल्ड सैैंड बैग डिप फिंगर ड्रिल, वर्किंग ऑन ग्राउंड ड्रिल, अदर यूनिट वर्क ड्रिल समेत कई ड्रिल से इनका पेशेंश मजबूत किया जाएगा। वहीं ऑरफेनेज ड्रिल, हॉस्पिटल ड्रिल, एब्यूसिंग ड्रिल समेत कई ड्रिलों से सामाजिक रूप से ये मजबूत किए जाएंगे। ट्रेनर्स का मानना है कि इन दो टॉपिक्स में शामिल की गई लगभग एक दर्जन ड्रिल में 60 से 80 दिन जरूर लगेंगे लेकिन ट्रेनिंग के बाद निकला सिपाही न तो जान देगा और न ही किसी से गलत व्यवहार करेगा।