- मर्चेट नेवी के शिप से लापता कुक मनीष के मामले में ग्वालटोली पुलिस की बड़ी लापरवाही
-रिपोर्ट भेजने से पहले परिजनों से बात तक नहीं की, नाम भी गलत लिखा, जांच नहीं बढ़ी आगे
KANPUR : शिप से लापता हुए मचर्ेंट नेवी के चीफ कुक मनीष पाल के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्वालटोली ने बिना जांच और परिजनों के बयान लिये रिपोर्ट तैयार कर अफसरों को भेज दी। रिपोर्ट में भी कुक का नाम मनीष की जगह मनोज लिख दिया। शासन को दस्तावेज मिले तो वो भी परेशान हो गए। फटकार के बाद दोबारा जांच हुई और तब सही नाम से रिपोर्ट बनाई। पुलिस की इस लापरवाही की वजह से जांच में देरी हुई है। उधर लापता कुक का कुछ भी सुराग नहीं लगा है।
29 जनवरी से लापता है मनीष
ग्वालटोली अहिराना निवासी जयसेवक पाल के बेटे मनीष पाल मचर्ेंट नेवी में कुक हैं। जनवरी के आखिरी सप्ताह में शिप लिथुआनिया से मलेशिया जा रहा था। इसी दौरान 29 जनवरी की शाम मनीष लापता हो गये थे। परिजनों को जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस अफसरों से शिकायत की। ग्वालटोली थाने में तहरीर भी दी। मनीष के रिश्तेदार सुनील पाल ने बताया कि मामले की जांच दरोगा सुरेंद्र सिंह को सौंपी गई थी।
20 दिन हो गए बर्बाद
सुनील का कहना है कि दरोगा ने एक बार भी उनसे या मनीष के परिजनों से संपर्क नहीं किया। यूं ही रिपोर्ट तैयार कर अफसरों को भेज दी। अफसरों ने शासन को रिपोर्ट भेज कर मामले की जानकारी दी। शासन ने जब परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि रिपोर्ट में मनीष की जगह मनोज लिखा हुआ है। जिसकी वजह से आगे की जांच ठप हो गई। इसके बाद दोबारा मनीष पाल के नाम से रिपोर्ट तैयार की गई। इस प्रक्त्रिया में बीस दिन बर्बाद हो गए।
कंपनी के वही जवाब, मुंबई से लौटे परिजन
शिप कंपनी इस पूरे मामले में शुरू से ही चुप्पी साधे हुए है। फोन पर अधिकारियों ने सही से जवाब नहीं दिया तो परिजन मुंबई गए। कंपनी के अफसरों से मुलाकात की तो पता चला कि वो शिप वापस मुंबई आ चुका है। अफसरों ने कहा कि मनीष कहां और कैसे गायब हो गया ये किसी को नहीं पता।