- मानव तस्करी में पकड़े गए दोनों आरोपियों की प्रापर्टी की डिटेल निकाली जा रही
- गल्फ कंट्रीज से आती थी बैंक खाते में रकम
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KANPUR : मानव तस्करी में जेल गए अतीकुर्रहमान और मुजम्मिल के बैंक खातों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। आरोपियों ने बताया है कि ज्यादातर पैसा उनके खाते में आता था। महिलाओं को तस्करी करने वाले गिरोह तक पहुंचाने और उनके खाड़ी देशों में जाने तक एजेंट का भुगतान रोका जाता था। महिला खाड़ी देश पहुंच जाती थी उसके बाद ही एजेंट को प्रति महिला ख्भ्-फ्0 हजार रुपए तक दिया जाता था। वह अपने सब एजेंट को भ्-क्0 हजार देता था। ये पैसा सीधे उनके खाते में आता था। मुजम्मिल ने पुलिस को बताया है कि बीते साल दिल्ली के गिरोह का सदस्य कानपुर आया था। तब उसने नकद भुगतान किया था। दो से तीन बार ही नकद भुगतान हुआ है।
ख्0-ख्ख् महिलाअों को भेजा
कर्नलगंज पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने अब तक ख्0-ख्ख् महिलाओं को खाड़ी देशों में भेजा है। उस लिहाज से भ्-म् लाख रुपए इन्हें मिले हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि दोनों का बैंक खाता देखा जा रहा है। उसमें किस तरह से ट्रांजेक्शन हुए हैं। अगर ये ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट में निकल आए तो इन्हें केस में जोड़ा जाएगा। इंस्पेक्टर ने कहा कि ये भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कहीं आरोपियों ने फर्जी आईडी से अलग से बैंक खाते तो संचालित नहीं किए हैं।
दर्ज मुकदमे की जांच बढ़ी
मानव तस्करी के मामले में पुलिस ने ओमान स्थित भारतीय दूतावास से पिछले वर्ष की गई शिकायत के बाबत भी रिपोर्ट मांगी है। दरअसल पीडि़त महिला ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने एक समाजसेविका की मदद से वहां भारतीय दूतावास में शिकायत की थी। बेकनगंज की भ्भ् साल की महिला को इफ्तिखाराबाद निवासी मुजम्मिल ने ही बंगलुरू की एजेंसी के माध्यम से ख्फ् अक्टूबर ख्0क्9 को ओमान भेजा था। वहां महिला को बंधक बनाकर काम कराया गया था। किसी तरह महिला ने परिवार से संपर्क करके जानकारी दी तो उनके बेटे ने पुलिस प्रशासन व विदेश मंत्रालय में गुहार लगाई थी। अगस्त में महिला कानपुर वापस आ सकी। इसके बाद परिजनों ने बेकनगंज थाने में मुकदमा लिखाया था।
महिला ने ओमान में जो शिकायत की थी, उस बाबत जानकारी के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। क्राइम ब्रांच टीम की मदद से ईमेल भेजा जा रहा है। इसके बाद मुकदमे में आगे की कार्रवाई होगी।
नवाब अहमद, बेकनगंज थाना प्रभारी