कानपुर(ब्यूरो)। यूपी पुलि का दामन एक बार फिर दागदार हुआ है। चोर लुटेरों की शिकायत करने और उनके पकडऩे की गुहार लगाने के लिए जिन पुलिस अधिकारियों के पास लोग जाते थे, वो खुद ही लुटेरे निकले। मामला कानपुर देहात का है। 6 जून को भोगनीपुर थाने के इंस्पेक्टर और दरोगा ने चेकिंग के नाम पर गाड़ी रोक कर औरैया के ज्वैलरी कारोबारी के पास से 50 किलो चांदी लूट ली। शिकायत सीनियर ऑफिसर्स तक पहुंची तो एसपी देहात और एसपी औरैया एक्शन में आए। आरोपी इंस्पेक्टर अजयपाल के सरकारी आवास से लूटी गई चांदी बरामद कर ली। इसके इंस्पेक्टर अजयपाल कठेरिया और दरोगा चिंतन कौशिक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, एक आरोपी सिपाही रामशंकर यादव अभी फरार है। पुलिस की यह करतूत पूरा दिन सोशल मीडिया में वायरल होती रही।

मामले की जांच के बाद एसपी औरैया चारू निगम और कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति की मौजूदगी में भोगनीपुर में तैनात इंस्पेक्टर अजयपाल कठेरिया, दरोगा चिंतन कौशिक को गुरुवार रात अरेस्ट कर लिया। एडीजी आलोक सिंह ने भोगनीपुर इंस्पेक्टर, दरोगा और एक सिपाही को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए हैं।

ये है पूरी वारदात
पीडि़त कारोबारी मनीष सोनी उर्फ सागर की एफआईआर के मुताबिक वे बांदा के रहने वाले हैैं। 6 जून को वह अपनी क्रेटा कार लेकर बांदा से औरेया जा रहे थे। उनके साथ मामा का लडक़ा रवि सोनी और भाभी सोनाली और उनकी बेटी अशी थी। गाड़ी ड्राइवर जगनन्दन पाल चला रहा था। औरैया जिले में एंट्री करते ही दोपहर 2.30 से 2.45 बजे के बीच एक सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी के पास खड़े चार लोगों ने हाथ देकर गाड़ी रुकवा ली। गाड़ी रोकने वालों में दो व्यक्ति सादे कपड़े पहने थे, जबकि एक व्यक्ति दरोगा की वर्दी पहने था और पिस्टल लगाए था।

सभी के मोबाइल ले लिए
मनीष के मुताबिक, एक सिपाही की वर्दी पहने था। कांस्टेबल के हाथ में कार्बाइन थी। उन लोगों ने ड्राइवर से कहा, अपनी आईडी दिखाओ। फिर नीचे उतारकर खड़ा कर दिया। मनीष के भाई रवि और भाभी को भी कार से नीचे उतार दिया। उनको भी गाड़ी से उतरकर खड़ा कर दिया। सभी के मोबाइल भी ले लिए गए। इसके बाद उन लोगों ने गाड़ी की तलाशी ली। गाड़ी में दो बैग रखे हुए थे, जिसमें चांदी के 30 टुकड़े थे। उन्होंने दोनों बैग उठाकर अपनी गाड़ी में रख लिया।

ड्राइवर को साथ ले गए
आरोपियों ने ड्राइवर से कहा कि गाड़ी में बैठो तो ड्राइवर उनकी गाड़ी स्कार्पियो में बैठ गया। ड्राइवर ने बताया कि स्कार्पियो वहां से चली गई। कुछ दूर आगे आगे बसंत पेट्रोल पंप पर तेल डलवाया। कुछ समय रुकने के बाद ड्राइवर को उतार दिया और गाड़ी औरैया की तरफ चली गई। ड्राइवर को सभी लोगों के मोबाइल वापस कर दिए। इसके बाद मनीष गाड़ी लेकर अपने मामा के घर औरैया पहुंचा। कुछ देर बाद ही ड्राइवर जगननन्दन भी मेरे मामा के घर पहुंचा। फिर उसने पूरी कहानी बताई। इसके बाद औरैया कोतवाली में लूट की एफआईआर दर्ज कराई।

सीसीटीवी फुटेज की जांच से
एसपी औरैया चारू निगम ने बताया कि वारदात के बाद पुलिसकर्मियों ने बसंत पेट्रोल पंप में तेल डलवाया था। सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए तो इससे साफ हो गया कि कानपुर देहात भोगनीपुर थाना प्रभारी ने अपनी टीम के दरोगा चिंतन कौशिक और दो सिपाहियों के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी कानपुर के एडीजी जोन आलोक सिंह को दी। एडीजी की सहमति के बाद गुरुवार देर रात एसपी औरैया और एसपी कानपुर देहात ने छापेमारी करके लूट करने वाले थानेदार और दरोगा को अरेस्ट कर लिया। जबकि फरार सिपाही की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

इसलिए किया पूरा खेल
एसपी चारू निगम ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि भोगनीपुर थाना प्रभारी के एक इनफार्मर ने सूचना दी थी कि साहब एक बड़ा काम हो सकता है। बांदा का व्यापारी नंबर दो यानी बगैर बिल और पर्चे की चांदी लेकर औरैया होते हुए गुजर रहा है। सटीक मुखबिरी के बाद गाड़ी नंबर के आधार पर थानेदार ने जाल बिछाया और अपनी टीम के साथ लूट की वारदात को अंजाम दिया।

उल्टा पड़ गया दांव
थानेदार का मानना था कि नंबर दो की चांदी होने के चलते कारोबारी मामले की रिपोर्ट नहीं लिखाएगा। क्योंकि रिपोर्ट लिखवाने पर वह खुद कानूनी शिकंजे में आ जाएगा। लेकिन भोगनीपुर पुलिस का यह दांव उलटा पड़ गया और सर्राफ ने औरैया कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद एसपी ने जांच कराई तो परत दर परत खुल गई।