कानपुर (ब्यूरो)। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ-साथ आइसक्रीम कप से लेकर गुब्बारे में लगने वाला स्टिक समेत अन्य प्लास्टिक यूज पर बैन लगने जा रहा है। पर्यावरण स्वच्छ रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। डेडलाइन को एक हफ्ते रह गए बावजूद इसके अब तक नगर निगम और पॉल्यूशन बोर्ड ने इस आदेश के अनुपालन के संदर्भ में कोई चेतावनी जारी नहीं की है। हालांकि 75 माइक्रॉन सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी हर चीज को 30 जून तक खत्म हो जानी है। इसके बाद बाजार में दिखने पर जुर्माना किया जाएगा। नगर निगम का दावा है कि एक जुलाई से इस आदेश को लागू करवाने व निगरानी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैैं।
कागज के बने लिफाफे को प्रमोट
दरअसल, एक जुलाई से प्लास्टिक के कप प्लेट, प्लास्टिक के ग्लास, लॉलीपाप स्टिक, गुब्बारे में लगने वाला स्टिक, आइसक्रीम कप, बथर्ड में इस्तेमाल होने वाली नाइफ, बर्थडे या पार्टी में सजावट वाले थर्मोकोल समेत अन्य 75 माइक्रोन से कम सभी प्लास्टिक पूरी तरह बैन हो जाएगा। इसकी जगह पर कागज से बने थैलों को इस्तेमाल का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर नगर निगम और पॉल्यूशन बोर्ड कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहा है। हालांकि नगर निगम का दावा है कि इसे रोकने के लिए जोनल अधिकारियों की टीम गठित की गई है। ये टीमें चालान के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक करेंगी। ताकि लोग प्लास्टिक को छोडक़र कागज से बने थैले को इस्तेमाल करें।
सिटी में 25 से ज्यादा फैक्ट्रियां
नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग और प्रवर्तन विभाग ने जगह-जगह रेड कर बैन पॉलीथिन को पकड़ती है, लेकिन तभी जब कोई मुद्दा उठता है। सिटी के तमात जगहों पर बैन पॉलीथिन का व्यापार हो रहा है, पनकी, दादानगर समेत सिटी के तमाम जगहों पर 25 से ज्यादा फैक्टरियां है, जहां पर पॉलीथिन कारोबार होता है। बड़ी फैक्टरियों के बजाए छोटे-छोटे दुकानदारों या फिर दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों को पकडक़र पॉलीथिन को जब्त कर वाहवाही लूटी जाती है।
क्या कार्रवाई
- पहली बार पकड़े जाने में 5 किलो से अधिक माल पर 25 हजार जुर्माना लगेगा
- दूसरी बार में पकड़े जाने पर जुर्माना व आईपीसी की धारा 133 (बी) के तहत मुकदमा
पब्लिक की बात
- अब तो लगभग हर चीज प्लास्टिक में आने लगी है, यह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती है, ऐसे में इसे बैन करना ही बेहतर होगा। ताकि पर्यावरण साफ सुथरा रह सके।
शेखर
- अगर प्लास्टिक को बंद किया जा रहा है तो उसकी जगह कोई ऑप्शन लाना चाहिए। ताकि लोगों को मार्केट से सामान खरीदकर लाने में कोई दिक्कत न आए।
राजीव
कितना नुकसान पॉलीथिन से
- पॉलीथिन बैग नष्ट नहीं होता है
- जमीन में गाडऩे से भी यह नष्ट नहीं होगा
- जलाने पर धुआं वातावरण को प्रदूषित करेगा
- पॉलीथिन से नालियां जाम हो जाती हैं
- पॉलीथिन वाटर को अंडरग्राउंड होने से रोकती है
- पॉलीथिन को मवेशी खाते हैं, जोकि नुकसानदायक है
- प्लास्टिक जलाने से हवा प्रदूषित होती है
ये भी जाने
- 100 साल लगते हैं प्लास्टिक वेस्ट को गलने में
- 15 साल में गलता है लकड़ी से बने सामान का वेस्ट
- 05 महीने में गलता है कॉटन के कपड़े का वेस्ट
- 03 वीक में गलता है पेपर वेस्ट
पॉलीथिन को लेकर जुर्माना
वजन-----------पेनॉल्टी(रुपए)
100 ग्राम---------1000
101 से 105 ग्राम----2000
501 से 1 किलो---- 5000
1 से 5 किलो-----10,000
5 किलोग्राम से अधिक--25,000
कोट
इस संबंध में जोनल अधिकारियों की टीम गठित की गई है, इन टीमों को अपने-अपने एरिया में चालान के साथ-साथ जागरूक अभियान चलाने का कहा गया है। साथ ही कागज के बने थैले को इस्तेमाल के लिए भी जागरूक कर रहे हैं।
सूर्यकांत त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम