कानपुर (ब्यूरो)। सीएसजेएमयू कैंपस में आने वाले सालों में केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि प्राब्लम्स के साल्यूशन पर भी काम होगा। चार करोड़ कीमत से कैंपस के एसएससी सेल के फस्र्ट फ्लोर पर प्लांट्स, एनिलम और ह्यूमन साइंस लैब बनेगी। इस लैब को बनाने का खाका तैयार हो गया है। एक साल के भीतर लैब के तैयार होकर संचालित होने की संभावना है। इस लैैब में स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल के अलावा रिसर्च समेत कई काम होंगे। यूनिवर्सिटी के अफसरों का दावा है कि यह तीनों लैब ऐसी टेक्नोलॉजी, डिसीज साल्यूशन और मेडिसिन की वैरायटी डेवलप करेगी जो कि देश के लिए वरदान साबित होगी।
लैब में होंगे यह काम
प्लांट्स के लिए तैयार होगी मेडिसीन
प्लांट्स साइंस लैैब में पौधों पर लगने वाले रोगों पर स्टडी करके उनके साल्यूशन के लिए मेडिसिन को डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा डिसीज का साल्यूशन खोजने के साथ साथ उसकी उपज को पता लगाया जाएगा। ऐसे टेक्नोलॉजी या मेडिसिन डेवलप की जाएगी, जिससे रोग डेवलप ही न हो। इसके अलावा प्लांट्स की नई वैरायटीज को भी डेवलप किया जाएगा।
एनिमल डिसीज के लिए मेडिसिन
एनिमल साइंस लैैब में एनिमल्स में होने वाली डिसीज के लिए मेडिसिन बनेगी। इसके अलावा इस लैब में कुत्ता, बिल्ली, गाय और भैैंस आदि के बिहेवियर में हो रहे चेंजमेंट पर भी रिसर्च करके कारणों का पता लगाया जाएगा। इतना ही नहीं सर्दी, गर्मी और बरसात के सीजन में एनिमल्स को हेल्दी रखने के लिए सप्लीमेंट तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा ह्यूमन डिसीज पर बनने वाली मेडिसिन का एनिमल ट्रायल भी इसी लैब में सुव्यवस्थित तरीके से होगा। दावा है कि एनिमल्स पर काम करने वाला सीएसजेएमयू सिटी का पहला इंस्टीट्यूशन होगा।
डीएनए की जांच व डिसीज कंट्रोल
ह्यूमन साइंस लैैब में ऐसी मशीनों को लगाया जा रहा है कि मनुष्य का डीएनए भी जांचने में सक्षम हैैं। डीएनए जांचने वाली मशीन का काम यहीं पर खत्म नहीं होगा। वह किसी मनुष्य में डिसीज की उपज को पता लगाने का काम करेगी। यदि डिसीज मनुष्य के जींस में हैैं तो उसको भी दुरुस्त करने कर काम किया जाएगा। तीनों लैबों में सबसे ज्यादा काम इसी लैब में होना है। यहां डिसीज कंट्रोल, मेडिसिन, जींस और कई तरह के काम होने है। इस लैब का सीधा संबंध आम नागरिक से होने के चलते सबसे ज्यादा साल्यूशन देने की आस इसी लैब पर है।
स्टूडेंट्स करेंगे रिसर्च
तीनों लैबों के बनने के बाद सीएसजेएमयू के स्टूडेंट इन लैब्स में अपने प्रैक्टिकल और रिसर्च वर्क को कर सकेंगे। इसके अलावा अपने साइंस से जुड़े लैब की रिसर्च भी वह इस लैब में कर सकेंगे। हालांकि इस लैब में रिसर्च के लिए गाइड या प्रोफेसर की परमिशन जरुरी होगी।
कोट
कैंपस में एसएससी सेल के फस्र्ट फ्लोर में चार करोड़ कीमत से प्लांट्स, एनिमल और ह्यूमन साइंस लैब बन रही है। इस लैब में डिसीज कंट्रोल और मेडिसिन डेवलपमेंट पर काम होगा। यहां पर ट्रायल की फैसिलिटी भी रहेगी।
प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, प्रोवीसी, सीएसजेएमयू
सीएसजेएमयू कैंपस में आने वाले सालों में केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि प्राब्लम्स के साल्यूशन पर भी काम होगा। चार करोड़ कीमत से कैंपस के एसएससी सेल के फस्र्ट फ्लोर पर प्लांट्स, एनिलम और ह्यूमन साइंस लैब बनेगी। इस लैब को बनाने का खाका तैयार हो गया है। एक साल के भीतर लैब के तैयार होकर संचालित होने की संभावना है। इस लैैब में स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल के अलावा रिसर्च समेत कई काम होंगे। यूनिवर्सिटी के अफसरों का दावा है कि यह तीनों लैब ऐसी टेक्नोलॉजी, डिसीज साल्यूशन और मेडिसिन की वैरायटी डेवलप करेगी जो कि देश के लिए वरदान साबित होगी।
लैब में होंगे यह काम
प्लांट्स के लिए तैयार होगी मेडिसीन
प्लांट्स साइंस लैैब में पौधों पर लगने वाले रोगों पर स्टडी करके उनके साल्यूशन के लिए मेडिसिन को डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा डिसीज का साल्यूशन खोजने के साथ साथ उसकी उपज को पता लगाया जाएगा। ऐसे टेक्नोलॉजी या मेडिसिन डेवलप की जाएगी, जिससे रोग डेवलप ही न हो। इसके अलावा प्लांट्स की नई वैरायटीज को भी डेवलप किया जाएगा।
एनिमल डिसीज के लिए मेडिसिन
एनिमल साइंस लैैब में एनिमल्स में होने वाली डिसीज के लिए मेडिसिन बनेगी। इसके अलावा इस लैब में कुत्ता, बिल्ली, गाय और भैैंस आदि के बिहेवियर में हो रहे चेंजमेंट पर भी रिसर्च करके कारणों का पता लगाया जाएगा। इतना ही नहीं सर्दी, गर्मी और बरसात के सीजन में एनिमल्स को हेल्दी रखने के लिए सप्लीमेंट तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा ह्यूमन डिसीज पर बनने वाली मेडिसिन का एनिमल ट्रायल भी इसी लैब में सुव्यवस्थित तरीके से होगा। दावा है कि एनिमल्स पर काम करने वाला सीएसजेएमयू सिटी का पहला इंस्टीट्यूशन होगा।
डीएनए की जांच व डिसीज कंट्रोल
ह्यूमन साइंस लैैब में ऐसी मशीनों को लगाया जा रहा है कि मनुष्य का डीएनए भी जांचने में सक्षम हैैं। डीएनए जांचने वाली मशीन का काम यहीं पर खत्म नहीं होगा। वह किसी मनुष्य में डिसीज की उपज को पता लगाने का काम करेगी। यदि डिसीज मनुष्य के जींस में हैैं तो उसको भी दुरुस्त करने कर काम किया जाएगा। तीनों लैबों में सबसे ज्यादा काम इसी लैब में होना है। यहां डिसीज कंट्रोल, मेडिसिन, जींस और कई तरह के काम होने है। इस लैब का सीधा संबंध आम नागरिक से होने के चलते सबसे ज्यादा साल्यूशन देने की आस इसी लैब पर है।
स्टूडेंट्स करेंगे रिसर्च
तीनों लैबों के बनने के बाद सीएसजेएमयू के स्टूडेंट इन लैब्स में अपने प्रैक्टिकल और रिसर्च वर्क को कर सकेंगे। इसके अलावा अपने साइंस से जुड़े लैब की रिसर्च भी वह इस लैब में कर सकेंगे। हालांकि इस लैब में रिसर्च के लिए गाइड या प्रोफेसर की परमिशन जरुरी होगी।
कोट
कैंपस में एसएससी सेल के फस्र्ट फ्लोर में चार करोड़ कीमत से प्लांट्स, एनिमल और ह्यूमन साइंस लैब बन रही है। इस लैब में डिसीज कंट्रोल और मेडिसिन डेवलपमेंट पर काम होगा। यहां पर ट्रायल की फैसिलिटी भी रहेगी।
प्रो। सुधीर कुमार अवस्थी, प्रोवीसी, सीएसजेएमयू
सीएसजेएमयू कैंपस में आने वाले सालों में केवल पढ़ाई ही नहीं बल्कि प्राब्लम्स के साल्यूशन पर भी काम होगा। चार करोड़ कीमत से कैंपस के एसएससी सेल के फस्र्ट फ्लोर पर प्लांट्स, एनिलम और ह्यूमन साइंस लैब बनेगी। इस लैब को बनाने का खाका तैयार हो गया है। एक साल के भीतर लैब के तैयार होकर संचालित होने की संभावना है। इस लैैब में स्टूडेंट्स के प्रैक्टिकल के अलावा रिसर्च समेत कई काम होंगे। यूनिवर्सिटी के अफसरों का दावा है कि यह तीनों लैब ऐसी टेक्नोलॉजी, डिसीज साल्यूशन और मेडिसिन की वैरायटी डेवलप करेगी जो कि देश के लिए वरदान साबित होगी।
लैब में होंगे यह काम
प्लांट्स के लिए तैयार होगी मेडिसीन
प्लांट्स साइंस लैैब में पौधों पर लगने वाले रोगों पर स्टडी करके उनके साल्यूशन के लिए मेडिसिन को डेवलप किया जाएगा। इसके अलावा डिसीज का साल्यूशन खोजने के साथ साथ उसकी उपज को पता लगाया जाएगा। ऐसे टेक्नोलॉजी या मेडिसिन डेवलप की जाएगी, जिससे रोग डेवलप ही न हो। इसके अलावा प्लांट्स की नई वैरायटीज को भी डेवलप किया जाएगा।
एनिमल डिसीज के लिए मेडिसिन
एनिमल साइंस लैैब में एनिमल्स में होने वाली डिसीज के लिए मेडिसिन बनेगी। इसके अलावा इस लैब में कुत्ता, बिल्ली, गाय और भैैंस आदि के बिहेवियर में हो रहे चेंजमेंट पर भी रिसर्च करके कारणों का पता लगाया जाएगा। इतना ही नहीं सर्दी, गर्मी और बरसात के सीजन में एनिमल्स को हेल्दी रखने के लिए सप्लीमेंट तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा ह्यूमन डिसीज पर बनने वाली मेडिसिन का एनिमल ट्रायल भी इसी लैब में सुव्यवस्थित तरीके से होगा। दावा है कि एनिमल्स पर काम करने वाला सीएसजेएमयू सिटी का पहला इंस्टीट्यूशन होगा।
डीएनए की जांच व डिसीज कंट्रोल
ह्यूमन साइंस लैैब में ऐसी मशीनों को लगाया जा रहा है कि मनुष्य का डीएनए भी जांचने में सक्षम हैैं। डीएनए जांचने वाली मशीन का काम यहीं पर खत्म नहीं होगा। वह किसी मनुष्य में डिसीज की उपज को पता लगाने का काम करेगी। यदि डिसीज मनुष्य के जींस में हैैं तो उसको भी दुरुस्त करने कर काम किया जाएगा। तीनों लैबों में सबसे ज्यादा काम इसी लैब में होना है। यहां डिसीज कंट्रोल, मेडिसिन, जींस और कई तरह के काम होने है। इस लैब का सीधा संबंध आम नागरिक से होने के चलते सबसे ज्यादा साल्यूशन देने की आस इसी लैब पर है।
स्टूडेंट्स करेंगे रिसर्च
तीनों लैबों के बनने के बाद सीएसजेएमयू के स्टूडेंट इन लैब्स में अपने प्रैक्टिकल और रिसर्च वर्क को कर सकेंगे। इसके अलावा अपने साइंस से जुड़े लैब की रिसर्च भी वह इस लैब में कर सकेंगे। हालांकि इस लैब में रिसर्च के लिए गाइड या प्रोफेसर की परमिशन जरुरी होगी।