- पहले बीएड का कोर्स दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया था
- बीएड की काउंसिलिंग के थर्ड फेज की चल रही च्वाइस फिलिंग
KANPUR: बीएड का क्रेज फिर से बढ़ने लगा है। कुछ समय पहले यह कोर्स दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गया था। लेकिन टीचर्स की हो रही नियुक्ति के चलते फिर से इस कोर्स को संजीवनी बूटी मिल गई है। छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी से जुड़े बीएड कॉलेजों में स्टूडेंट्स सीट लॉक कर रहे हैं। काउंसि¨लग का थर्ड फेज चल रहा है और यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड बीएड कॉलेजों में एवरेज 30 परसेंट सीटें भर चुकी हैं जबकि च्वाइस फि¨लग का सिलसिला जारी है।
5 से 10 परसेंट सीटें ही
बीएड डिग्री होल्डर्स के लिए प्राइमरी शिक्षक बनने की राह खुलना भी एक बड़ा कारण है। बीएड की डिग्री प्राप्त करने के बाद उनके सामने प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च शिक्षा के तीन ऑप्शन खुल गए हैं। सेशन 2020-21 में यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 250 बीएड कॉलेजों की 20 हजार सीटों पर स्टूडेंट्स अपनी जगह पक्की करने के लिए उत्साहित हैं। पहले काउंसि¨लग के सेकेंड फेज तक बड़ी मुश्किल से पांच से 10 परसेंट सीटें भर पाती थीं। इस बार सीटें भरने की रफ्तार बढ़ी है। चार चरणों में काउंसि¨लग होनी है। अभी दो फेज बाकी हैं। उसके बाद पूल काउंसि¨लग होगी जिसके जरिए भी छूटे छात्र अपनी सीट पक्की कर सकेंगे।
सीधे एडमिशन देने का अधिकार
यूपी सेल्फ फाइनेंस महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि पूल काउंसि¨लग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर कुछ सीटें बचती हैं तो उन्हें भरने का अधिकार प्रबंधन को दिया गया है।
पहले जमा करनी होगी फीस
एक प्राइवेट कॉलेज प्रबंधक डॉ। अनिल कुमार पोरवाल ने बताया कि सामान्य वर्ग में एडमिशन तो लगातार हो रहे हैं लेकिन अनुसूचित जाति के छात्रों की सीटें भरने को लेकर ¨चतित हैं। इसका कारण यह है कि पहले उनका प्रवेश जीरो फीस पर किया जाता था इस बार उन्हें एडमिशन लेने के बाद समाज कल्याण विभाग से फीस मिलेगी जिससे छात्रों को पहले फीस जमा करनी पड़ेगी। अगर यह नियम न होता तो और तेजी के साथ प्रवेश प्रि1क्रया चलती।
यह जानना जरूरी
- 30 परसेंट एवरेज सीटें भर चुकी हैं सीएसजेएमयू से संबंद्ध बीएड कॉलेजों में
- 250 बीएड कॉलेजों की 20 हजार सीटें लॉक करने को उत्साहित हैं स्टूडेंट्स
एडमिशन का प्रॉसेस अच्छा चल रहा है। दूसरा फेज समाप्त होने के बाद च्वाइस फि¨लग करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ने प्रॉसेस पूरा किया हैं.'
- डॉ। अनिल कुमार यादव, रजिस्ट्रार सीएसजेएमयू