कानपुर (ब्यूरो)। आईआईटी कानपुर की होनहार स्टूडेंट ने अचानक अपनी जिंदगी खत्म कर ली। जियोलॉजिकल साइंस से पीएचडी कर रही स्टूडेंट ने हॉस्टल स्थित अपने रूम में फांसी लगाकर जान दे दी। दोपहर तक कमरे का दरवाजा न खुलने पर संस्थान ने इसकी जानकारी पुलिस और फैमिली को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर डेडबॉडी को फंदे से उतारा। फॉरेंसिक टीम ने इविडेंस कलेक्ट किए। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को कमरे से चार पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। परिजन का कहा है उनकी बेटी तो बहुत बहादुर थी, घर के लिए बहुत कुछ करना चाहती थी। आखिर उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठा लिया?

दरवाजा तोड़कर शव निकाला

सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा तोडऩे पर नायलॉन की रस्सी से बने फंदे पर प्रगति का शव लटका मिला। नीचे स्टूल रखा था और दीवार किनारे फोल्डिंग पलंग खड़ा था, उसकी प्लाई निकली हुई थी। पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो कमरे में चार पेज का एक नोट भी मिला। पुलिस ने प्रगति का मोबाइल भी कब्जे में ले लिया है। इस पर आईआईटी प्रशासन ने प्रगति को एक होनहार छात्रा बताते हुए शोक व्यक्त किया। साथ ही बताया कि दिसंबर 2021 में प्रगति ने संस्थान में एडमिशन लिया था। आखिर प्रगति ने जान देने का कदम क्यों उठाया, इस पर संस्थान और घरवाले दोनों चुप हैं।

ढाई साल से आईआईटी में

चकेरी थानाक्षेत्र के सनिगवां निवासी गोविंद खरया शहर की एक प्रतिष्ठित संस्था में काम करते हैैं। गोविंद की फैमिली में पत्नी संगीता, तीन बेटे सत्यम, शिवम, सुंदरम और इकलौती बेटी 27 साल की प्रगति खरया थी। बड़ा बेटा सत्यम स्टेशनरी का काम करता है। दूसरा बेटा शिवम राउरकेला स्थित एनटीपीसी में काम करता है, जबकि तीसरा बेटा सुंदरम इनफोसिस में जॉब करता है। वहीं प्रगति बचपन से एक होनहार स्टूडेंट थी। हाई स्कूल से ग्रेजुएशन तक वह टॉपर रही। बीएससी हंसराज कॉलेज दिल्ली और एमएससी बुंदेलखंड यूनीवर्सिटी से किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर में जियोलॉजिकल साइंस से पीएचडी के लिए एडमिशन लिया। वह ढाई साल से आईआईटी में रहकर ही पढ़ाई कर रही थी। वह हॉस्टल फोर के कमरा नंबर डी-116 में रहती थी।

भतीजी से रोज होती थी वीडियो कॉल

प्रगति के घरवालों ने बताया कि प्रगति अपनी दो साल की भतीजी दिशा से बहुत क्लोज थी। बीती 7 सितंबर को आईआईटी कैंपस में दिशा का जन्मदिन परिवार वालों ने धूम धाम से मनाया था। वह रोज सुबह प्रगति को वीडियो कॉल करती थी। 9 अक्टूबर बुधवार को भी दोनों की बात हुई थी। गुरुवार को बात न होने पर परिवार वाले चिंतित थे लेकिन सोने या बिजी रहने की बात सोचकर वे शांत हो गए थे। दोपहर 12:30 बजे बेटी के बारे में जानकारी मिलने पर वे आईआईटी पहुंच गए थे। बेटी का शव देखकर परिजन बेहाल हो गए।

सभी की दुलारी थी प्रगति

ताऊ गोपाल दास ने बताया कि उनकी बेटी(प्रगति) बहुत बहादुर थी, उसने ये कदम कैसे उठा लिया? इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि बहादुर भतीजी के क्रिमनेशन के बाद वे आईआईटी जरूर जाएंगे और उसकी मौत की वजह तलाश करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रगति बहुत खुश रहती थी, वह छुट्टïी के दिनों में उनके घर स्वरूप नगर भी आती थी।

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आईआईटी प्रशासन ने जताया शोक

आईआईटी प्रशासन ने प्रगति को एक होनहार छात्रा बताते हुए शोक व्यक्त किया है। साथ ही ये भी कहा है कि पुलिस और फॉरेंसिक जांच कर रही है। 2021 दिसंबर में प्रगति के आईआईटी में कोर्स में शामिल होने की बात कही।

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आईआईटी मैनेजमेंट की सूचना पर पुलिस गई थी। दरवाजा तोड़कर डेडबॉडी निकाली गई। पुलिस और फॉरेंसिक जांच कर रही है।

राजेश कुमार सिंह, डीसीपी वेस्ट

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प्रगति की मौत के साथ टूट गए सब सपने

प्रगति की इस तरह मौत से परिवार वाले टूट गए हैं। परिवार वालों ने बताया कि प्रगति अपने नाम के मुताबिक प्रोग्रेसिव माइंड की थी और पढऩे में होशियार थी। साथ ही अपने परिवार के लिए सब कुछ करना चाहती थी। बड़ा भाई सत्यम पहले एचडीएफसी बैैंक में नौकरी करता था। नौकरी छूटने पर उसने बड़े भाई को स्टैैंड किया। उसके बाद पिता से भी मकान बनवाने की बात अक्सर कहती रहती थी। सत्यम की दो साल की बेटी प्रगति से बहुत हिली मिली थी। प्रगति की मौत से एक साथ कई सपने टूट गए।