कानपुर (ब्यूरो) इंडस्ट्रियल सिटी कानपुर में सैकड़ों की संख्या में हाईराइज बिल्डिंग हैैं। हर साल कोई न कोई बड़ी आग भी लगती है। दमकल विभाग की खामियां भी सामने आती है। थर्सडे देर रात हमराज कॉम्पलेक्स में लगी आग को बुझाने के लिए लखनऊ और सेना के हाईड्रोलिक आपरेटेड टेलीस्कोप फायर टेंडर मंगाए गए, जिससे आग पर काबू पाया गया। आपको बताते चलें कि कई साल पहले कानपुर के दमकल विभाग को इटली से मंगाकर 7 करोड़ हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म दिया गया था। रखरखाव न होने की वजह से हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म कबाड़ हो गया। इसे ठीक करने के लिए रिमाइंडर भेजने वाले तीन सीएफओ का ट्रांसफर हो चुका है लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सका। अगर ये हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म ठीक होता तो शायद आग इतनी न भडक़ती और आग बुझाने के लिए दूसरे जिलों से हाइड्रोलिक फायर टेंडर नहीं मंगाना पड़ता। इस मशीन की ये खासियत है कि 14 मंजिल तक ये आग को बुझा सकती है।
न अधिकारी न कर्मचारी
विभाग के अधिकारियों की मानें तो दमकल विभाग में कोई आना नहीं चाहता। सालों से विभाग में फायरमैन और लीडिंग फायरमैन की भर्ती नहीं हुई है। जो जवान आग बुझाता है, वही फायर टेंडर लेकर भी जाता है और उसके साथ का दूसरा जवान मशीन का प्रेशर और आउटपुट का काम देखता है। कंडम हुई फायर ब्रिगेड मशीनों के बदले नई मशीनों का प्रस्ताव कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा है। संसाधनों के अभाव में दमकल कर्मी जूझ रहे है। कानपुर में आठ फायर स्टेशन ऑफिसर (एफएसओ) होने चाहिए, लेकिन सिर्फ चार हैं। जबकि एफएसएसओ (फायर स्टेशन ऑफिसर सेकेंड) के 17 पद हैं, लेकिन सिर्फ 6 एफएसएसओ हैं। 40 ड्राइवरों के पद हैं, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 32 हैं। लीडिंग फायर मैन के 40 पद हैं, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 34 हैं। फायर मैन के 250 पद हैं, लेकिन सिर्फ 190 फायर मैन ही मौजूदा समय में हैं। भारी आबादी होने वाले शहर में करीब 30 फीसदी स्टाफ कम होने से फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को रोजाना जूझना पड़ रहा है।
सात फायर टेंडर कंडम
सीएफओ ने बताया कि कानपुर में सात फायर टेंडर कंडम हो गए और उसे नीलाम कर दिया गया, लेकिन उनकी जगह पर एक भी नया वाहन नहीं मिल सका है। जबकि कई बार प्रपोजल बनाकर लखनऊ मुख्यालय भेजा गया है। अभी तक नए वाहन भेजने का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.एक्सपर्ट ऑपरेटर की डिमांड तक नहीं पूरी हो सकी।
8 फायर स्टेशन, एक निर्माणाधीन
कानपुर में फजलगंज फायर स्टेशन मुख्यालय है। इससे जुड़े हुए अलग-अलग इलाके जैसे लाटूश रोड, कर्नलगंज, मीरपुर कैंट, जाजमऊ, किदवई नगर, घाटमपुर और बिल्हौर में फायर स्टेशन बने हुए हैं। इससे आग लगते ही स्थानीय फायर स्टेशन से फौरन गाड़ी पहुंचकर आग पर काबू पा सके। कानपुर आउटर के नर्वल में एक नया फायर स्टेशन बनाने के लिए काम तेजी से चल रहा है। जबकि बिठूर में फायर स्टेशन बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।
कानपुर में आग बुझाने के इंतजाम
टोटल फायर स्टेशन- 8
पद --- होने चाहिए--वर्तमान में
एफएसओ- 8- 4
एफएसएसओ - 17-- 6
ड्राइवर --40--32
लीडिंग फायरमैन- 40- 34
फायरमैन-- 250- 190