कानपुर (ब्यूरो)। किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली रूट की वीआईपी व नार्मल ट्रेनों के साथ रोडवेज बसों में भी पैसेंजर लोड बढ़ गया है। ट्रेनों की तत्काल टिकट के लिए सेंट्रल स्टेशन के साथ आउटर स्टेशनों में भी तत्काल टिकट विंडो में पैसेंजर की अच्छा खासी संख्या देखने को मिल रही है। इसका मुख्य कारण बॉर्डर सील होने की वजह से बाहरी प्राइवेट व्हीकल की इंट्री पर रोक लगना है। यही कारण है कि ट्रेनों व रोडवेज बसों के माध्यम से दिल्ली जाने वाले पैसेंजर्स का लोड नार्मल दिनों की अपेक्षा डेढ़ गुना हो गया है।
वीआईपी ट्रेनों की टिकटों की बढ़ी डिमांड
दिल्ली में किसान आंदोलन के बाद बीते दो दिनों में दिल्ली जाने व वहां से आने वाली वीआईपी ट्रेनों में टिकट बुकिंग का ग्राफ बढ़ गया है। पैसेंजर्स वेटिंग विंडो टिकट लेकर मजबूरी में कोच एटेंडेंट की सीट में बैठकर सफर कर रहे हैं। इसके अलावा नार्मल ट्रेनों के एसी कोच में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स का ग्राफ लगभग डेढ़ गुना बढ़ गया है। सेंट्रल स्टेशन में दिल्ली रूट की ट्रेनों में टीटीई से खाली सीट रिजर्व करने का आग्रह करते हुए काफी पैसेंजर्स देखने को मिल रहे हैं।
मीटिंग हो तो जाना ही पड़ेगा
स्वरूप नगर स्थित राहुल खन्ना पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में दो दिनों के बाद उनको एक वर्कशाप में हिस्सा लेना है। पहले उन्होंने अपने प्राइवेट व्हीकल से जाने का प्लान बनाया था। किसान आंदोलन की वजह से अब बॉर्डर में अन्य प्रदेशों के व्हीकल की एंट्री बंद कर दी गई है। क्योंकि वर्कशाप में जाना जरूरी है। लिहाजा दो दिनों से वंदेभारत, शताब्दी व तेजस एक्सप्रेस की तत्काल टिकट बुक करने का प्रयास कर रहे हैं।