अधिकारियों का कहना है कि 90 फीसदी से ज्यादा बम धमाके मोबाइल फोन के जरिए किए जाते हैं। इसके अलावा कुछ इलाकों में मोटरबाइक से यात्रियों को लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है ताकि हमलावर इसकी आड़ में अपने लक्ष्य तक ना पहुंच सकें। इस घोषणा के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने मोबाइल सेवाएं बाधित करने के सरकार के फैसले को बचकाना क़रार देते हुए कहा कि इससे तालिबान की गतिविधियों में कोई कमी नहीं आएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने प्रतिबंधित संगठन तहरीके तालिबान के प्रवक्ता इसानुल्लाह इसान के हवाले से कहा, ''हम मोबाइल फोन के ज़रिए हमले नहीं करते हैं। मोबाइल सेवाएं बाधित करके कोई हमें रोक नहीं सकता। हम अपने लक्ष्य को किसी भी स्थिति में पूरा करेंगे.' पूरे पाकिस्तान मे हाल के महीनों में अल्पसंख्यक शियाओं पर कट्टरपंथी सुन्नियों द्वारा किए जा रहे हमलों की तादाद में काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
इसी हफ्ते रावलपिंडी शहर में एक शिया जुलूस हुए एक घातक हमले में 23 लोग मारे गए थे। शुक्रवार को राजधानी इस्लामाबाद के कुछ हिस्सों में, कराची के दक्षिणी बंदरगाह और क्वेटा दक्षिण पूर्वी वाले इलाके में मोबाइल फोन सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई थी।
सेना तैयार
अधिकारियों का कहना है कि सप्ताह के आखिरी दिनों में और ज्यादा जगहों में मोबाइल सेवाएं बंद की जाएंगी। ये दिन शिया समुदाय के मुहर्रम के पवित्र महीने के आखिरी दिन हैं। पाकिस्तान के गृहमंत्री मंत्री रहमान मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल कई धमाकों में किया जाता है जिसकी वजह से इस पर रोक लगाई जा रही है।
रहमान मलिक ने कि मीडिया अपनी आंख खुली रखें क्योंकि उनके कैमरे की मदद से कराची में आतंकवादी पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना है कि आतंकवाद की घटनाओं को मुहर्रम के जुलूस के अंत पर अंजाम दिए जाने जाने की ख़बरें है । उन्होंने यह भी कहा कि मुहर्रम के दौरान आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रखा गया। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में आतंकवाद का खतरा है। अतिरिक्त पुलिस के हजारों को भी तैनात किया जा रहा है और देश भर में शिया जुलूस पर नजर रखने के लिए हवाई निगरानी भी रखी जाएगी।
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