68 वर्षीय जहाँगीर अख़तर इस्लामाबाद के एक छोटे व्यापारी हैं और उन्होंने 12 सितंबर से आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है। उनकी दुकान में कई पोस्टर भी लगे हुए हैं जिन पर विभिन्न प्रकार के नारे दर्ज हैं। एक पर लिखा हुआ है, “पाकिस्तान को बचाने के लिए भारत और अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ मोर्चे बंद करने होंगे” और एक दूसरे पोस्टर पर लिखा हुआ था कि भारत की तरह पाकिस्तान में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ क़ानून बनाया जाए।

जहाँगीर अख़्तर पाकिस्तान में भारत जैसा भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून चाहते हैं, जिसके लिए अन्ना हज़ारे और उनके समर्थक दिल्ली और दूसरे शहरों की सड़कों पर उतर गए हैं।

'अन्ना से प्रभावित'

उन्होंने बीबीसी से बातचीत करते हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अनशन पर बैठने के उद्देश्य के बारे में कहा, “मैं पिछले कई सालों से सामाजिक मुद्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता आया हूँ, लेकिन अन्ना हज़ारे के आंदोलन के बाद दोस्तों ने सलाह दी कि मैं भी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ संघर्ष करुँ। इसलिए मैं आगे बढ़ रहा हूँ.”

उन्होंने बताया कि अगर पाकिस्तानी जनता ने उनकी बात को समझ लिया जैसा भारत में लोग भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकलें हैं, तो पाकिस्तान में भी लोग निकलें और चेहरा न बदलें, बल्कि सिस्टम को बदलें।

जहाँगीर अख़्तर ने कहा, “पाकिस्तान के 17 करोड़ लोग सरकार को कोस रहे हैं कि वह कुछ नहीं कर रही है और मैं यह कह रहा हूँ कि अगली जो भी सरकार आएगी वह भी कुछ नही कर सकेगी। लोगों को चाहिए कि वह गंभीर मुद्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएँ.”

उन्होंने बताया कि अनशन पर आने के लिए उन्हें लोगों से कोई उम्मीद नहीं है और अगर मीडिया उनका साथ दे तो कई लोग आ सकते हैं जैसा कि भारत का मीडिया अन्ना हज़ारे के साथ है।

'पाकिस्तान की स्थिति गंभीर'

उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर पाकिस्तानी सराकर की कड़ी आलोचना की और कहा, “70 से ले कर आज तक कोई भी सरकार भ्रष्टाचार को ख़त्म नहीं कर रही है और स्थिति प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है और अब तो पुलिस वाले अपराधियों से मिल जाएंगे.”

जब उनसे पूछा गया कि भ्रष्टाचार के ख़ात्मे के लिए सरकार को क्या करना चाहिए और वे क्या चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूँ कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जो बिल भारत में पेश हो रहा है, वही बिल यहाँ भी होना चाहिए और उससे तो अच्छा हो ही नहीं सकता। यह मेरी माँग है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जो क़दम भारतीय संसद में लिए जा रहे हैं वही पाकिस्तानी संसद में भी लिए जाएँ.”

जहाँगीर अख़्तर ने बताया कि वे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ते-लड़ते थक गए थे और जब भारत में अन्ना हज़ारे ने आवाज़ उठाई है और हज़ारों लोग उनके साथ हैं तो उन्हें भी अब उम्मीद हुई है।

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