कानपुर(ब्यूरो)। आंखों की बेहद सामान्य और लगभग हर किसी को होने वाली बीमारी मोतियाबिंद में डॉक्टर्स हमेशा इसका ऑपरेशन करने की सलाह देते हैं। मौजूदा दौर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना ज्यादा आसान और दर्द रहित हो गया है। जिसमें समय भी बेहद कम लगता है। कैटरैक्ट सर्जरी की तकनीक में लगातार हो रहे बदलाव और ऑपरेशन के दौरान प्रयोग होने वाली कई नई दवाएं आने के बाद अब मोतियाबिंद की सर्जरी ज्यादा सुरक्षित और दर्द रहित हो गई है। ट्रॉपिकल फेको विधि से कैटरैक्ट सर्जरी प्राइवेट अस्पतालों में तो पहले से चल ही रही थी,लेकिन अब एलएलआर अस्पताल के नेत्ररोग विभाग में भी ट्रॉपिकल फेको विधि से मोतियाबिंद की सर्जरी की जाने लगी है। जिससे मरीजों में सर्जरी के बाद होने वाले खतरे तो कम हुए ही हैं। मरीज ऑपरेशन के बाद बिना आंख पर पट्टी लगाए सीधे काला चश्मा पहन कर ओटी से बाहर आता है।
हर हफ्ते दर्जनों ऑपरेशन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की नेत्ररोग विभाग की प्रोफेसर डॉ.शालिनी मोहन ने जानकारी दी कि ट्रॉपिकल फेकोमल्सीफिकेशन तकनीक में मरीज का ऑपरेशन फेको विधि से ही किया जाता ,लेकिन उसे सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया देने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होता है। मरीज की आंख में सर्जरी से पहले एक ड्रॉप डाला जाता है। जिसके कुछ देर बाद मरीज की आंख में नया लेंस प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इसमें समय भी कम लगता है और मरीज को सर्जरी में दर्द भी कम होता है। वहीं मरीजों को आंख में इंजेक्शन लगाने से हो खतरे रहते हैं वह भी खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे इलाज की लागत में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
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क्या होती है ट्रापिकल फेको सर्जरी
- ट्रापिकल फेको सर्जरी में मोतियाबिंद ऑपरेशन आंख सुन्न करने के लिए इंजेक्शन नहीं लगाना पड़ता।
- इस विधि से ऑपरेशन से पहले मरीज की आंख में एक ड्रॉप डाला जाता है।
- यह ड्रॉप एनेस्थीसिया की तरह काम करता है। जिसका असर कम से कम 10 मिनट तक रहता है।
- इंजेक्शन न लगने से दर्द कम होता है। साथ ही मरीज की आंख में ब्लीडिंग की संभावना नहीं रहती
- कैटरैक्ट सर्जरी भी 10 मिनट से कम वक्त में पूरी हो जाती है। सर्जरी में लगने वाला वक्त घट जाता है।
- मरीज की आंख का लेंस बदलने के बाद उसकी आंख में पट्टी बांधने की जरूरत नहीं पड़ती है।
- सर्जरी के बाद आंख में दर्द भी नहीं होता है। इस वजह से यह एक पेनलेस सर्जरी हो जाती है।
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एलएलआर अस्पताल में कितनी कैटरैक्ट सर्जरी-
80 से 90- कैटरैक्ट सर्जरी हर हफ्ते
400 से 450- सर्जरी हर महीने
4 फैकल्टी मेंबर्स
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