-चौराहों से लेकर सड़क पर डटी ट्रैफिक पुलिस के निशाने पर सिर्फ बाइक और कार सवार, धड़ाधड़ काटे जा रहे चालान

-शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट कर रहे हजारों ऑटो-टेम्पो, स्कूली और कामॅर्शियल वाहनों पर नए रूल्स कोई असर नहीं

KANPUR। ट्रैफिक सिस्टम में सुधार लाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने एमवी एक्ट में अमेंडमेंट कर चालान की रकम 10 गुना तक कर दी है। शहर में नय रूल्स लागू भले ही न हुए हों लेकिन रोड्स पर इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। चौराहों से लेकर सड़कों तक में डटी ट्रैफिक पुलिस धड़ाधड़ चालान काट रही है। 80 फीसदी से ज्यादा बाइक और कार सवार ट्रैफिक रूल्स पूरी तरह फॉलो कर रहे हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस की नजर सिर्फ कार और बाइक पर है। जबकि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट करने के 'गुनहगारों' पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन पर पहले ही तरह ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ अफसर मेहरबान हैं। टेंपो और ऑटो की ओवरलोडिंग जारी है। बीच चौराहे पर गाड़ी खड़ी कर सवारियां भरी जा रही हैं। बैन होने के बाद भी ट्रैक्टर से लेकर खड़खड़े और भैंसागाड़ी सड़कों पर बेधड़क दौड़ रहे हैं। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि ये मेहरबानी क्यों?

ये हैं असली 'गुनहगार'

मंडे को डीजे आईनेक्स्ट की टीम रियलिटी चेक करने शहर के विभिन्न चौराहों पर पहुंची तो हालात चौकाने वाले थे। चालान के खौफ से जहां बाइक और कार सवार बिना हेलमेट व सीटबेल्ट के घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं वहीं शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट करने वाले ऑटो-टेम्पो पर इसका कोई असर नहीं है। ठूंस-ठूस कर सवारियां बैठाई जा रही हैं। टेम्पो के बाहर लोग लटके हुए हैं, इसके बाद भी उन्हें रोकने की जहमत नहीं की जा रही है। रूट भी फॉलो नहीं किए जा रहे हैं। नौबस्ता, बाराहदेवी, अफीमकोठी, किदवई नगर चौराहों पर इनक मनमानी पहले की तरह जारी है।

सिर्फ कागजी दावे िकए जा रहे

टेम्पो ऑटो के साथ कॉमर्शियल वाहनों पर भी शिकंजा कसने के दावे सिर्फ कागजी साबित हो रहे हैं। क्षमता से तीन गुना तक माल लादकर सड़क पर चल रहे हैं जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। लेकिन, इनकी ओर निगाह नहीं है। हजारों स्कूली वैन भी बच्चों को भूसे की तरह भरकर दौड़ रही हैं। इन वाहनों का न तो रजिस्ट्रेश है और ना फिटनेस सर्टिफिकेट। इसके बाद बिना आरटीओ अफसरों की मेहरबानी के इनका सड़क पर चलना नामुमकिन है। सवाल है कि क्या सिर्फ बाइक और कारसवार से ट्रैफिक रूल्स फॉलो करवा कर सिस्टम सुधर जाएगा।

3 हजार रजिस्टर्ड ऑटो व टेम्पो शहर में

2 हजार के करीब अवैध ऑटो-टेंपो दौड़ रहे

11 हजार रजिस्टर्ड ई-रिक्शा है कानपुर में

5 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा अवैध रूप से चल रहे

9 हजार से अधिक वैन बिना परमिट बच्चे ढो रहीं

3 हजार से अधिक कंडम वाहन भी शहर में दौड़ रहे

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टेंपो, ऑटो व ई-रिक्शा समेत सिटी में चलने वाले ओवर लोड व्हीकल पर आरटीओ का प्रवर्तन दल व ट्रैफिक पुलिस निरंतर कार्रवाई कर रही है। इनके खिलाफ समय-समय पर सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है। पब्लिक से भी अपील है कि ओवरलोड गाडि़यों में न बैठें।

सुनील दत्त, एआरटीओ, प्रवर्तन