-कोविड पेशेंट्स को ले जाने के नाम पर मनमाना किराया मांग रहे प्राइवेट एंबुलेंस ऑपरेटर, मजबूरी का उठा रहे फायदा
-एक किलोमीटर ले जाने के लिए भी 8 से 10 हजार की मांग, कांशीराम या रामा हॉस्पिटल जाना हो तो 20 हजार मांगते
KANPUR: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आपदा को अवसर में बदलने आह्वान किया था। शायद इस मंत्र को सभी ने अपनी-अपनी तरह से लिया है। यही वजह है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लूट शुरू हो गई है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर तो कोरोना के नाम पर मनमाने रुपए वसूलने के आरोप लग ही रहे हैं वहीं प्राइवेट एंबुलेंस आपरेटर भी कोरोना की आपदा को अवसर मानकर जमकर लूट मचाए हुए है। कोविड पेशेंट को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने या डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को घर ले जाने के लिए मनमाने रेट वसूल रहे हैं। प्रशासन को कोई डर और सरकारी नियंत्रण न होने के कारण लोग मनमाने रेट को चुकाने के लिए भी मजबूर हैं।
काकादेव से हैलट के 10 हजार रुपए
स्वरूप नगर स्थित एक कॉरपोरेट हॉस्पिटल में 70 साल की महिला को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो आनन फानन में डॉक्टर्स ने महिला को हैलट या कांशीराम अस्पताल जाने के लिए कह दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए कहा तो उन्हें कुछ एंबुलेंस चालकों के नंबर दे दिए गए। उनसे बात की तो कोरोना के नाम पर स्वरूप नगर से हैलट ले जाने के लिए भी 10 हजार रुपए की डिमांड कर दी। एक एंबुलेंस वाले ने काशीराम अस्पताल ले जाने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की।
नहीं मिला इलाज, हो गई मौत
आर्यनगर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उन्नाव में रहने वाले बुजुर्ग को प्राइवेट लैब से कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो डॉक्टरों ने बिना स्वास्थ्य विभाग को सूचना दिए.पेशेंट को हैलट ले जाने के लिए कह दिया। परिजनों ने बाहर खड़े एंबुलेंस वाले से पेशेंट को हैलट ले चलने के लिए बात की तो उसने 8 हजार रुपए मांगे। जिसके बाद परिजन अपने वाहन से मरीज को हैलट ले गए। वहां भी उसे इलाज नहीं मिला और पेशेंट की मौत हो गई।
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प्राइवेट एंबुलेंस लगाम क्यों नहीं ?
दरअसल प्राइवेट एंबुलेंस के मनमाने किराए पर लगाम कौन लगाएगा यह भी बड़ा सवाल है। हर प्राइवेट एंबुलेंस वाला पेशेंट और दूसरी के हिसाब से किराया लेता है। इस पर न तो आरटीओ का जोर है और न स्वास्थ्य विभाग और ट्रैफिक पुलिस का। न ही जिला प्रशासन की ओर से प्राइवेट एंबुलेंसेस के लिए मिनिमम या मैक्सिमम किराया फिक्स किया है। ऐसे में वह मनमाने रेट वसूलते हैं। एक किलोमीटर से 10 किलोमीटर तक जाने के 5 हजार से 20 हजार रुपए तक रेट वसूले जा रहे हैं।
सरकारी एंबुलेंस नाकाफी
कोरोना पेशेंट्स को लाने ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 15 नंबर एंबुलेंस और दो एएलएस एंबुलेंस लगाई गई है। इसके अलावा कुछ प्राइवेट अस्पतालों और संस्थाओं की ओर से भी एंबुलेंसेस मुहैया कराई गई हैं। हांलाकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इतनी एंबुलेंस भी कम पड़ रही हैं। जिसका फायदा प्राइवेट एंबुलेंस वाले उठा रहे हैं। और पब्लिक ज्यादा किराया देने को मजबूर।