कानपुर (ब्यूरो)। तीन लाख रुपये के लेन देन में बिचौलिया बने प्लाईवुड कारोबारी को चौकी इंचार्ज ने थाने में बुलाकर जमकर पीटा। कान में करंट लगाकर पैरों पर जमकर डंडे बरसाए। जिससे प्लाईवुड कारोबारी की हालत बिगड़ गई। पुलिस ने आनन फानन में अचेत कारोबारी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। कारोबारी से मिलने जब भाई थाने पहुंचा तो कारोबारी के न मिलने पर पुलिस से पूछताछ की तो मामला सामने आया। अधिकारियों को जानकारी मिलते ही हडक़ंप मच गया। एडीसीपी साउथ ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया सब इंस्पेक्टर वीरेश यादव दोषी पाए गए हैैं। उन्हेें सस्पेंड कर दिया गया है।
तीन लाख रुपये बकाए का था मामला
गुजैनी निवासी 32 साल के रितिक गुप्ता उर्फ ह्दयेश प्लाईवुड कारोबारी हैैं। उनकी अर्रा सब्जी मंडी के पास प्लाई की दुकान है। वीरेश ने हरजिंदर नगर निवासी भदौरिया प्लाईवुड के मालिक सौैरभ भदौरिया से परिणीत प्लाईवुड को छह लाख रुपये का प्लाईवुड दिलवाया था। तीन लाख रुपये का लेनदेन हो गया था, जबकि तीन लाख का बाकी था। निर्धारित समय पर जब रकम का भुगतान न हो सका तो पंचायत में तय हुआ कि सौरभ प्लाईवुड के मालिक सौरभ भदौरिया को परिणीत प्लाईवुड के मालिक ने तीन लाख रुपये के चेक दे दिए।
करंट लगाया और की तलवा परेड
चेक बाउंस होने पर सौरभ भदौरिया ने मामले की जानकारी नौबस्ता पुलिस को दी। पुलिस के बुलाने पर परिणीत प्लाईवुड का मालिक थाने नहीं आ रहा था। इस वजह से समझौता कराने वाले रितिक गुप्ता उर्फ ह्दयेश को चौकी इंचार्ज वीरेश यादव ने फोन कर बुलाया। रितिक के भाई तेजस्वी यादव उर्फ शिवा ने बताया कि उनके भाई थाने गए थे। जानकारी मिलने पर जब वे पहुंचे तो देखा कि थाने में उनके भाई नहीं थे। काफी तलाशने पर भी जब वे नहीं मिले तो शिवा ने अधिकारियों को जानकारी दी। पता चला कि ह्दयेश निजी अस्पताल में भर्ती है। जानकारी करने पर पता चला कि ह्दयेश को करंट लगाकर उसकी जमकर पिटाई की गई है।
पुलिस जांच में दोषी पाए गए वीरेश यादव
तेजस्वी की तहरीर पर पुलिस अधिकारियों ने थाने में लगे सीसीटीवी की जांच की। वीरेश यादव के कॉल रिकॉर्ड चेक किए, साथ ही निजी अस्पताल में भर्ती ह्दयेश के बयान दर्ज किए तो थाने में प्लाईवुड कारोबारी को थर्ड डिग्री देने की बात सामने आई। एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि जांच के बाद दोषी पाए जाने पर दारोगा वीरेश यादव के सस्पेंड कर दिया गया है।