कानपुर(ब्यूरो)। किसानों को हर चार महीने में मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थी भी हैं। इसको देखते हुए प्रशासन सभी लाभार्थियों का वैरीफिकेशन करा रहा है। अब ई केवाइसी व भूलेख अंकन कराने वाले किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत 13वीं किस्त भेजी जाएगी। लेकिन वेरीफिकेशन में एक लाख से ज्यादा लाभार्थियों का कुछ पता नहीं लग रहा है।
मांगी थी जांच रिपोर्ट
जिले के करीब 3.21 लाख किसान योजना के तहत लाभ पा रहे थे। पात्रों के चयन के लिए शासन ने पहले ई केवाईसी कराया था। इसके बाद भी सभी का विधिवत सत्यापन नहीं हो पाने के कारण भूलेख अंकन के निर्देश दिए गए थे। कृषि विभाग ने तहसीलवार लाभार्थी किसानों की सूची उपलब्ध कराकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही थी। अब तक 68 प्रतिशत किसानों का सत्यापन हो सका है। शेष बचे 32 प्रतिशत लाभार्थी खोजे नहीं मिल रहे हैं।
तहसीलवार बनाई गई सूची
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए जिले के 3.21 लाख किसानों ने आवेदन किया था। शासन पात्र किसानों को लाभ देने के लिए ई केवीईसी के साथ भूलेख अंकन कराने के निर्देश दिए थे। कृषि विभाग ने तहसीलवार लाभार्थी किसानों की सूची उपलब्ध कराई थी जिसके सापेक्ष अब तक 68 प्रतिशत का सत्यापन हो सका है। भूलेख अंकन की जिम्मेदारी तहसीलवार लेखपाल कर रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी बात है कि किसान सम्मान निधि का लाभ पा रहे 32 प्रतिशत ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं।
कुछ गावं छोडक़र चले गए
सूची उपलब्ध कराए काफी समय हो जाने के बाद भी भूलेख अंकन कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। विभाग का मानना है कि कुछ लाभार्थी गांव छोडक़र चले गए हैं और कुछ लाभार्थियों ने ई केवाइसी भी नहीं कराया है जिसके चलते मोबाइल नंबर आदि नहीं मिल पाने के कारण उन तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में इन बिना वेरीफिकेशन के ऐसे लाभार्थियों को सम्मान निधि की किस्त नहीं भेजी जाएगी।
&& किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त उन्हीं किसानों के खाते में भेजी जाएगी जिनका ई केवाइसी व भूलेख अंकन पूरा हो चुका है। शेष बचे लाभार्थियों तक पहुंचने का पूरा प्रयास कराया जा रहा है.&य&य
विनोद कुमार यादव, उपनिदेशक कृषि