कानपुर(ब्यूरो)। विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार लाइसेंसी शस्त्रों को जमा कराने के लिए पिछली बार की अपेक्षा काफी सख्ती है। बिकरू कांड के बाद लाइसेंसी असलहों को लेकर जिला प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए हैं। बावजूद इसके अब तक केवल तीस फीसद ही लाइसेंसी असलहा जमा होने से पूरी कवायद पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस आयुक्त ने एक सप्ताह के अंदर लक्ष्य पूरा करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है।

ये है असली स्थिति
कमिश्नरेट के 33 थाना क्षेत्रों में 18726 लाइसेंसी शस्त्र धारक हैं। बिकरू कांड के बाद लाइसेंसी असलहों को लेकर शासन काफी सख्त है। पिछले कुछ सालों में चुनाव के समय असलहा जमा कराने के मामले में कुछ छूट मिली हुई थी, लेकिन इस बार सख्ती बरती जा रही है। लेकिन इस सख्ती का असर कम ही दिखाई पड़ रहा है। मंगलवार तक केवल 5063 लाइसेंसी असलहा ही विभिन्न थानों में जमा हो सके थे। इनमें सबसे ज्यादा 1923 असलहा दक्षिण, 1243 पश्चिम और 1017 पूर्वी जोन में जमा हुए हैं।

यह हैं जोनवार आंकड़े
जोन लाइसेंस जमा हुए
दक्षिण 7053 1973
पश्चिम 6510 1243
पूर्वी 5163 1017
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ऐसे मिलेगी छूट
अगर शस्त्र लाइसेंसधारक अपने शस्त्र जमा करने से छूट चाहता है तो उसे पुलिस और जिला प्रशासन दोनों स्थानों पर आवेदन करना होगा। स्क्रीङ्क्षनग कमेटी की रिपोर्ट के बाद शस्त्र जमा कराने पर छूट मिल सकती है। पुलिस आयुक्त विजय ङ्क्षसह मीणा ने पदभार ग्रहण करते हुए कहा था कि सुरक्षा कार्यों में लगे शस्त्र लाइसेंसधारकों, ज्वैलरी कारोबारियों व उन्हें जिन्हें खतरा है, उनको शस्त्र जमा करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे लोग शस्त्र जमा करने के लिए आवेदन करें। उन्हें अनुमति दे दी जाएगी।