कानपुर (ब्यूरो)। गंगा और उसके किनारों को साफ रखने के लिए हर साल करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं, इसके बावजूद न गंगा साफ हो रही हैं और न किनारे। गंगा के आसपास गंदगी का साम्राज्य रहता है। गंगा और आसपास के एरिया को चकाचक करने के लिए राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने फिर कवायद शुरू की है। नगर निगम को लेटर लिखकर सर्वे करने का आदेश दिया है।

नगर निगम को भेजा आदेश
नामामि गंगे के तहत सर्वे पूरा होने के बाद कानपुर के अलावा प्रयागराज और वाराणसी में भी गंगा के आसपास गंदगी को साफ किया जाएगा। सरकार की तरफ से साफ तौर कहा गया है कि गंगा में नालों के दूषित पानी को रोकें और किनारों पर गंदगी हटाई जाए। राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने कानुपर, प्रयागराज और वाराणसी के नगर आयुक्त को इसके बारे में लेटर लिखा है।

1450 करोड़ रुपए खर्च
गंगा को निर्मल और अविरल करने के लिए नामामि गंगे के तहत 18 नालों को बंद करने के अलावा दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए अब तक 1450 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन गंगा अभी तक शुद्ध नहीं हो पाई हैं। जल निगम भी अब तक 18 में 13 ही नाले बंद कर पाया है, लेकिन इन नालों से भी आए दिन दूषित पानी गंगा में जा रहा है।

61 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
डबका, रानी घाट, सत्तीचौरा, वाजिदपुर, गोला घाट, मैस्कर घाट समेत अन्य नाले गंगा में गिर रहे हैं, इनको बंद करने के लिए जल निगम दो साल से लगातार करोड़ों रुपए का प्रपोजल शासन को भेज रहा है, लेकिन अभी तक धन नहीं मिला है। जल निगम प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेंद्र चौधरी का कहना है कि गंगा में गिर रहे नालों को बंद करने के लिए 61 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है।

इन प्वांट्स पर होना है सर्वे
- निकाय से कितने किमी तक क्षेत्र गंगा नदी के किनारों से मिलती है
- गंगा के 100 मीटर के दायरे में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए क्या व्यवस्था
- गंगा में किन-किन नालों से दूषित पानी जा रहा है
- कितने नाले गंगा में गिरते हैं, कितनों नालों को टेप किया गया
- जिन नालों को टेप नहीं किया गया है उसके लिए आगे का प्लान क्या है
- नालों के टेप से जमा हुए सॉलिड वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था क्या है
- गंगा के किनारे कितने डंप साइट हैं और उसकी स्थिति क्या है
- गंगा किनारे 100 मीटर के दायरे में गंदगी हटाने के लिए क्या कदम उठाए
- अवेयर करने के लिए क्या गतिविधियां की गई, कितने लोगों से पेनाल्टी वसूली


गंगा के आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है, साथ ही हर संडे को एनजीओ के साथ मिलकर गंगा के आसपास साफ सफाई के लिए अभियान चलाया जाता है, ताकि गंगा में प्लास्टिक समेत अन्य गंदगी को जाने से रोका जा सके।
अमित सिंह गौड़, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम