कानपुर (ब्यूरो)। न्यू एजुकेशन पॉलिसी का उद्देश्य स्टूडेंट में एकेडमिक के साथ साथ स्किल को भी डेवलप करना है। हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में स्टूडेंट्स को एकेडमिक नॉलेज तो ठीक से मिल रहा है लेकिन कहीं न कहीं इंडस्ट्रियल नॉलेज की कमी देखी जा रही है। ऐसे में स्टूडेंट्स में स्किल डेवलप करने, इंस्टीट्यूट्स और इंडस्ट्री के बीच की खाई को पाटने के लिए यूजीसी ने प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस नाम से एक स्कीम को लांच किया है। इस स्कीम में बिना नेट और पीएचडी पास करने वाले कैंडीडेट्स भी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रोफेसर बन सकेंगे। इस स्कीम के तहत यूजीसी ने एक पोर्टल भी लांच किया है, जिसमें प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस के तहत एलिजिबल कैंडीडेट एप्लीकेशन करके रजिस्ट्रेशन करा सकते हैैं।
यह बनेंगे प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस
हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में चलने वाले प्रोफेशनल कोर्स से पास होने के बाद स्टूडेंट किसी न किसी इंडस्ट्री मेें जाकर जॉब करते हैैं। ऐसे में डॉक्टर्स, पॉलिसी मेकर्स, मार्केटिंग अफसर, जर्नलिस्ट, इंजीनियर और अलग अलग एरिया के प्रोफेशनल्स को शामिल किया जाएगा। इस स्कीम का सीधा सा मतलब यह है कि स्टडी के दौरान स्टूडेंट्स को वह सभी बातें पता चल जाएं, जो उसकी जॉब के दौरान सक्सेस होने में हेल्प कर सकें। इसके साथ साथ इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार स्टूडेंट्स को तैयार होने में हेल्प मिल सके।
इंस्टीट्यूट्स और स्टूडेंट दोनों का फायदा
प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस स्कीम का बेनीफिट स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों को मिलेगा। प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस के तहत भर्ती होने वाले कैंडीडेट्स स्टडी कराएंगे, जिससे स्टूडेंट में स्किल डेवलप होगी। इसके अलावा फैकल्टी की कमी से जूझ रहे डिपार्टमेंट्स में फैकल्टी की कमी को भी पूरा करेगा। हालांकि इस स्कीम के तहत आने वाले प्रोफेशनल्स की सैलरी किस हिसाब से होगी। इसकी अभी घोषणा नहीं की गई है।
प्लेसमेंट का बढ़ेगा ग्राफ
इस स्कीम से भर्ती कैंडीडेट्स से स्टडी करने वाले स्टूडेंट को प्लेसमेंट जल्दी मिलने की संभावना है। इस स्कीम में प्रोफेशनल को भर्ती किया जाना है ऐसे में वह इंडस्ट्री की डिमांड को बताएंगे और सिखाएंगे। इसके अलावा बेस्ट स्टूडेंट का सीधा सिलेक्शन करने जॉब भी दे सकते हैैं। ऐसे मेें इस स्कीम के लागू होने के बाद से इंस्टीट्यूट्स में प्लेसमेंट का ग्राफ बढऩा तय माना जा रहा है।