-शहर में सक्रिय है गिरोह, परीक्षार्थियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर ठग रहा

-गिरोह में हैं 12 शातिर, विजयनगर से एक गुर्गे को दबोचा गया

KANPUR : यह खबर लेखपाल भर्ती में आवेदन करने वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इन दिनों शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो लेखपाल भर्ती के आवेदकों को ठगने की फिराक में है। इस गिरोह ने कुछ आवेदकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठग भी लिया है। इस गिरोह के सदस्य प्रशासनिक अधिकारी बनकर आवेदकों को कॉल कर रुपए लेकर नौकरी दिलाने का लालच देते हैं और फंसा लेते हैं। इसकी पुष्टि भी गुरुवार को गिरोह के एक गुर्गे की गिरफ्तारी से हो गई।

विजय नगर से पकड़ा गया गुर्गा

पनकी के गंगागंज में रहने वाले सोनू श्रीवास्तव ने लेखपाल भर्ती में आवेदन किया है। उसके मोबाइल पर बुधवार को अंजान कॉल आई। उसने कॉल रिसीव की तो सामने एक युवक ने बोला कि मैं बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) बोल रहा हूं। तुमने लेखपाल भर्ती परीक्षा दी है। मैं तुम्हारी जॉब लगवा सकता हूं। मेरे पास एग्जाम की कॉपी आई है। तुम्हारे मेरिट से तीन नम्बर कम है। जिसे सुनकर सोनू हैरत में पड़ गया। उसने कहा कि अगर तुम पास होना चाहते हो तो चढ़ावा चढ़ाना पड़ेगा। सोनू ने कुछ देर का समय मांगकर फोन काट दिया। सोनू ने परिजनों और दोस्तों से बात की तो उन्होंने उसको इस झमेले में न पड़ने की सलाह देते हुए कहा कि वो ठग है। इसलिए उसे पुलिस को पकड़वा दो। सोनू ने उसे कॉल की तो उसने सोनू को अकाउंट में रुपए डालने के लिए कहा, लेकिन सोनू तैयार नहीं हुआ। जिस पर उसने सोनू को मिलने के लिए विजयनगर बुलाया, जहां गुरुवार को सोनू तय समय पर पहुंच गया। वहां पर एक युवक ने सोनू के पास जाकर बोला कि मैं बीएसए साहब का आदमी हूं। उन्होंने मुझे रुपए लेने के लिए भेजा है। उसे देख सोनू ने साथियों को इशारा किया उन्होंने युवक को दबोच लिया। जिसे उस युवक के साथी भाग गए। सोनू ने युवक को फजलगंज पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उसकी पहचान झींझक के अनिरुद्ध सिंह के रूप में हुई है।

गैंग में हैं 12 शातिर

सोनू की समझदारी से हत्थे चढ़े अनिरुद्ध से पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि वो तो छोटी मछली है। असली खिलाड़ी कोई और है। उसने बताया कि इस गैंग में बारह शातिर हैं। वे खुद को प्रशासनिक अधिकारी बनकर परीक्षार्थियों को कॉल कर फंसा लेते हैं। उसका काम तो सिर्फ रुपए लेकर उन तक पहुंचाने का है। उसके तीन साथी भी विजय नगर आए थे, लेकिन वे वहां से भाग गए। सोनू का आरोप है कि अगर पुलिस उसकी शिकायत पर कार्रवाई करती तो सारे आरोपियों को पकड़ा जा सकता था। पुलिस ने उनकी शिकायत की अनदेखी कर कोई कार्रवाई नहीं की। सोनू ने खुद ही शातिर को पकड़ा है।

तीन से आठ लाख में लेते हैं ठेका

इस गैंग के पास लेखपाल परीक्षा में बैठे परीक्षार्थियों की लिस्ट मय मोबाइल नम्बर के साथ है। जिसे देख वे परीक्षार्थियों को कॉल कर फंसाते हैं। सोनू से भी गैंग ने तीन नम्बर बढ़ाने के लिए तीन लाख रुपए मांगे थे। इसी तरह वे अन्य परीक्षार्थियों को भी तीन से आठ लाख रुपए नौकरी लगवाने का ठेका लेने का झांसा देते हैं। वे परीक्षार्थी को पहले कम नम्बर आने का हवाला देकर रुपए ऐंठते हैं। इसके बाद वे इंटरव्यू में पास कराने का झांसा देकर परीक्षार्थी से और रुपए ऐंठ लेते हैं।