कानपुर (ब्यूरो) स्टेशन व बस अड्डे में पेट के अभ्यार्थियों की भारी भीड़ देखते हुए कानपुर के डीएम विशाख जी अय्यर ने प्रयागराज डिवीजन के डीआरएम मोहित चंद्रा से बात कर स्टेशन की वर्तमान हकीकत से अवगत करा कर कानपुर से आगरा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का आग्रह किया। अभ्यार्थियों की समस्या व डीएम के आग्रह को देखते हुए डीआरएम ने तत्काल प्रभाव से डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह को आगरा के लिए स्पेशल ट्रेन का शिड्यूल तैयार करने का आदेश दिया। जिसके बाद दोपहर 3.50 बजे कानपुर से आगरा के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना की गई। इसके अलावा कानपुर से मिर्जापुर के लिए भी स्पेशल ट्रेन चलाई गई।
सुपरफास्र्ट ट्रेनों को अतिरिक्त समय का दिया गया स्टॉपेज
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर सैटरडे को पेट की पहली पारी का एग्जाम छूटने के बाद 60 हजार से अधिक अभ्यार्थी कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंच गया। लिहाजा कानपुर से गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मिर्जापुर, लखनऊ जाने वाले अभ्यार्थियों की भारी भीड़ हो गई। लिहाजा इन रूट पर जाने वाली ट्रेनें पनवेल-गोरखपुर, जोधपुर-हावड़ा, आनंद विहार-कामाख्या, कालका-हावड़ा, सिक्कम महानंदा समेत आधा दर्जन ट्रेनों को कानपुर में 20 मिनट से अधिक स्टॉपेज दिया गया। जिससे अभ्यार्थी आसानी से चढ़ व उतर सके।
जनरल टिकट को लेकर मारामारी
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड व कैंट साइड में लगे ऑटोमैटिक जनरल टिकट मशीनों व विंडो पर जनरल टिकट के लिए अभ्यार्थियों की लंबी लाइन लगी रही। टिकट के लिए अभ्यार्थियों को घंटों जद्दोजहद करनी पड़ी।
आरपीएफ दिखाई दी मुस्तैद
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म 6-7 समेत अन्य प्लेटफार्म पर सैटरडे को अभ्यार्थियों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए आरपीएफ पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दी। आरपीएफ इंस्पेक्टर बीपी सिंह, एसआई अमित द्विवेदी अपनी टीम के साथ खुद प्लेटफार्म पर उतर आए। जिन्होंने अभ्यार्थियों को ट्रेनों में बैठाने के साथ चलती ट्रेन में कोई अभ्यार्थी न चढ़ सके। इसके लिए प्लेटफार्म पर हर 10 कदम पर एक सिपाही को तैनात कर दिया। जिससे अभ्यार्थियों के साथ कोई घटना न घटित हो सके।
कुंभ का अनुभव आया काम
आरपीएफ इंस्पेक्टर बीपी सिंह प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर इंस्पेक्टर पद पर तैनात थे। इसके अलावा एसआई अमित द्विवेदी भी उसी समय वहां तैनात थे। कुंभ में आने वाली श्रृद्धालुओं की भीड़ को कैसे नियंत्रण करना है। इसको वह प्रेक्टिकल रूप में भी देख चुके थे। यह अनुभव सैटरडे को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर देखने को मिला। यहीं कारण रहा कि हजारों की संख्या की भीड़ होने के बावजूद किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं देखने को मिली।
वॉकी टॉकी से संपर्क में पूरी टीम
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर हजारों की अभ्यार्थियों की भीड़ को कैसे कंट्रोल करना है। इसकी रणनीति आरपीएफ ने फ्राइडे की देर रात ही ले लिया था। आरपीएफ इंस्पेक्टर ने प्लेटफार्म से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया में तैनात होने वाले सभी आरपीएफ सिपाही को वॉकी टॉकी दे दिया था। जिससे आरपीएफ की पूरी टीम आपस में एक ही समय पर संपर्क रख सके।
एसी कोच बन गए स्लीपर
पेट एग्जाम देने के लिए इटावा, आगरा, झांसी, फतेहपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, हरदोई समेत यूपी के विभिन्न जिलों से अभ्यार्थी कानपुर रिटेन टेस्ट देने ट्रेनों से आए थे। ट्रेनों में सीट को लेकर इस तरह मारा मारी थी कि स्लीपर कोच जनरल व एसी कोच स्लीपर बन गए थे। दिल्ली-हावड़ा रूट की सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेनों से पैसेंजर्स ने रेलवे के कंट्रोल रूम में एसी कोच में ओवर क्राउंड होने की शिकायत भी की। लिहाजा रेलवे अधिकारियों ने एसी कोच के मैनेजर को एक-एक अटेंडेंट एसी कोच के गेट पर तैनात कर दिया। जिससे अभ्यार्थियों की भीड़ स्लीपर व जनरल कोच की तरफ मूव कर सके।