- टीचर हाउसिंग सोसाइटी और नकली नोट प्रकरण की फिर से खोली जाएगी फाइल

- नेता को फंसाने के लिए नकली नोट कहां से आए, इसका जवाब तलाशेगी पुलिस

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KANPUR : बर्खास्त इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी के रेप मामले में जेल जाने के बाद उसके पुराने गुनाहों का कच्चा चिट्ठा भी खुलकर सामने आ रहा है। उसके कार्यकाल के दो सबसे बड़े अपराधों में जो विवेचना हुई उसकी जांच फिर खुलेगी। कमिश्नर ने इसके निर्देश दिए हैं। दोनों विवेचनाओं में किन किन तथ्यों को नजरअंदाज किया गया, इसे देखा जाएगा। जरूरत पड़ी तो मामलों की फाइल दोबारा खोली जाएगी।

लंबी है चर्चित मामलों की लिस्ट

बर्खास्त इंस्पेक्टर दिनेश त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में कई कारनामे किए। लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चित मामले नकली नोट कांड और टीचर हाउसिंग सोसाइटी के रहे हैं। नोट कांड में संजीव अवस्थी के हक में भले ही ईओडब्ल्यू की विवेचना चली गई हो मगर नकली नोट आए कहां से थे? इसका जिक्र पूरी विवेचना में कहीं नहीं आया।

एनआईए या एटीएस को

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि नकली नोट प्रकरण में जांच करने के लिए नोडल एजेंसी ईओडब्ल्यू को बनाया गया था। अब इसकी जगह एनआईए और एटीएस को नोडल एजेंसी बनाया गया है। कमिश्नर ने कहा कि इस प्रकरण में जो भी विवेचना हुई है उसकी जांच कराई जाएगी। जांच में नकली नोटों का सोर्स पता चलने के साथ ही शासन को दोबारा एटीएस या एनआईए से इस मामले की जांच कराने के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी।

पुरानी फाइलें अाएंगी बाहर

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि टीचर हाउसिंग सोसाइटी मामले में अब तक जितने मामले दर्ज किए गए हैं। उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इन मामलों में एफआर और चार्जशीट के बारे में पता किया जाएगा। जिन मामलों में एफआर लगी है उनकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। लापरवाही निकली तो दोबारा इंवेस्टिगेशन कराई जाएगी।