बताया जाता है कि अरबों डॉलर की क़ीमत का यह ख़ज़ाना स्पेन की एक जहाज़ में था जो कि 300 साल पहले कोलंबिया के तटवर्ती इलाक़े में डूब गया था।
मंगलवार को सुनाए गए आदेश में अमरीका के ज़िला जज जेम्स ई बोसबर्ग के अनुसार सीमाओं का क़ानून अमरीकी कंपनी सी सर्च आर्मदा की ओर से अनुबंध के उल्लंघन के बाद ही ख़त्म हो गया था।
वाशिंग्टन में स्थित ख़ज़ाना ढूंढने वाली इस कंपनी का पिछले क़रीब दो दशकों से कोलंबियाई सरकार के साथ ख़ज़ाने को लेकर मतभेद है। विवाद चार अरब से 17 अरब अमरीकी डॉलर के बीच की क़ीमत वाले इस ख़ज़ाने की हिस्सेदारी को लेकर है।
स्पेन का यह जहाज़ समुद्र में ब्रिटेन की जंगी जहाज़ों से बचने की कोशिश करते वक़्त साल 1708 में कोलंबिया के निकट डूब गया था।
मामला
आदेशपत्र के अनुसार कोलंबिया में समुद्री मामलों की निगरानी करने वाली एजेंसी ने खोजी कंपनी ग्लोको मोरा को साल 1980 में कोलंबियाई समुद्र में डूबे हुए जहाज़ों को खोजने के लिए नियुक्त किया था।
साल 1981 में ग्लोको मोरा कंपनी ने ख़ज़ाने की जगह को चिन्हित कर लिया था और कोलंबियाई सरकार से ख़ज़ाने की 35 फ़ीसदी भागीदारी की भी बात तय कर ली थी। लेकिन साल 1984 में सी सर्च आर्मदा को ग्लोको मोरा कंपनी के अधिकार दे दी गई थी। ख़ज़ाने की 35 फ़ीसदी भागीदारी भी सी सर्च को दे दी गई थी।
हालाकि, कोलंबिया सरकार ने अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। बाद में वहां के विधानमंडल ने सरकार को ख़ज़ाने के पूरे अधिकार दे दिए। इसके अंतरगत ख़ज़ाना खोजने वाली कंपनी को ख़ज़ाने का केवल पाँच फ़ीसदी हिस्सेदारी पाने का हक़दार बनाया गया। इस नए क़ानून के बाद सी सर्च ने कोलंबिया की सरकार के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर कर दिया।
कोलंबिया के संवैधानिक अदालत ने इस क़ानून को असंवैधानिक क़रार दिया था। बाद में कोलंबिया की शीर्ष अदालत ने सी सर्च और सरकार को ख़जा़ने का 50-50 फ़ीसदी बंटवारा कर लेने को कहा। ख़ज़ाने को अभी तक समुद्र से निकाला नही जा सका है और उसके चिन्हित जगह पर ही मौजूद होने पर भी शंका है।
ग्लोको मोरा कंपनी की ओर से साल 1981 में किए गए दावे को जाँचने के लिए कोलंबिया सरकार ने एक और कंपनी को नियुक्त किया था जिसे बताए गए जगह पर ख़जा़ना नही मिला था।
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