- कानपुर से भेजी गई टीम तहसीलदार, एक इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर हैं इस टीम में

- कानपुर आने के बाद की जाएगी इनवेस्टिगेशन, दीपावली के बाद उनकी वापसी हो सकती है

kanpur : पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर लौटे शमसुद्दीन की कानपुर वापसी में आने वाले रोड़े दूर हो गए हैं। रिहाई के 15 दिन बाद तय हुआ है कि कानपुर पुलिस उन्हें लेने अमृतसर जाएगी। दीपावली के बाद उनके कानपुर पहुंचने की संभावना है। कंघी मोहाल में रहने वाले उनके भाई फहीमुद्दीन सोमवार को उनसे मिलने अमृतसर गए थे। कई दिनों तक कागजात पूरे न होने की वजह से फहीमुद्दीन वापस आ गए। फ्राइडे को एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और तहसीलदार अतुल कुमार अमृतसर के लिए रवाना हुए।

यातनाएं याद कर कलेजा कांपता

कंघीमोहाल निवासी शमसुद्दीन की दोस्ती वर्ष 1992 में पाकिस्तान से आए व्यक्ति से होने पर वह 90 दिन का वीजा लगवाकर वहां गए थे। 1994 में उन्हें पाकिस्तान की नागरिकता भी मिल गई थी। 2012 में पाकिस्तान की सरकार ने उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। आठ साल बाद उन्हें रिहाई मिली। अब वे पूरे 28 साल बाद अपने वतन लौटे हैं। शमशुद्दीन ने भाई से बातचीत के दौरान पाकिस्तान में दी गई यातनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि वह मुस्लिम देश होने के नाते वहां कमाने का इरादा करके निकले थे। काम चल निकला तो घर, गाड़ी और गृहस्थी का सारा सामान उसने जमा किया, लेकिन उसे नहीं पता था कि पाकिस्तान में उसे जासूस बताकर जेल में डाल दिया जाएगा। अब भी वह पाकिस्तान की याद करता है तो उसका कलेजा कांप जाता है।

अमृतसर के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया

पाकिस्तान से स्वदेश लौटे शमसुद्दीन को अमृतसर के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। उन्हें लेने के लिए भाई फहीमुद्दीन व साले दिलशाद अमृतसर गए हैं। फहीमुद्दीन ने बताया कि ट्यूजडे को वे भाई को लेकर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पहुंचे तो कानपुर के डीएम व एसपी से एनओसी मांगी गई, इससे वे फंस गए। थर्सडे को फहीमुद्दीन ने फिर अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर व उनके परिवार ने यहां कानपुर में डीएम व एसएसपी कार्यालय पहुंचकर समस्या बताई.इसके बाद दोनों ओर से प्रशासनिक स्तर पर वार्ता हुई। एसपी पश्चिम डॉ। अनिल कुमार ने बताया कि शमसुद्दीन के स्वजन के बताने पर उन्हें अमृतसर से लाने के लिए पुलिस और एलआइयू के एक-एक उपनिरीक्षक, जिला प्रशासन के एक अधिकारी की टीम भेजी गई है।

पत्‍‌नी और बेटियां कर रही इंतजार

फहीमुद्दीन ने बताया शमशुद्दीन की पत्‍‌नी साकरा बेगम और दो बेटियां इफ्तिखाराबाद में उनका इंतजार कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा खुशी का दिन है, कि जिस भाई ने उसे जूते बनाने का काम सिखाया और वह उसके सामने जिंदा और पूरी तरह से स्वस्थ खड़ा है। सभी लोगों की आंखे अब अमृतसर की ओर लगी हुई हैं। शमशुद्दीन की पत्‍‌नी का बुरा होल हो था चुका, जो अपने पति की पाकिस्तान की जेल से रिहाई के बाद वतन वापसी पर बहुत खुश हैं। फहीमुद्दीन ने बताया कि उनका एक भाई नसीरुद्दीन सउदी अरब में रहता है जबकि एक भाई चांद मियां जाजमऊ में रहता है।