कानपुर (ब्यूरो) वर्तमान में कानपुर औद्योगिक नगरी में दो कंटेनर डिपो है। जिसमें एक गोविंदपुरी और दूसरा पनकी में स्थित है। यहां पर वर्कलोड ज्यादा होने पर गोविंदपुरी तक उनके वाहनों को आने-जाने में भी दिक्कत होती है। जिससे शहर के उद्यमियों को अपने माल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता हैै। जिसे देखते हुए डेडिकेडेट फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ने सरसौल फुफवार, हाथीपुर और महाराजपुर में 56 हेक्टेयर जमीन चिन्हित करने के बाद अधिग्रहण किया है। भू अध्याप्ति विभाग के मुताबिक, अधिग्रहण की गई जमीन के मालिकाना हक पर 144 किसानों का आपस में विवाद भी चल रहा है। जिनके मुआवजे की राशि को खजाने में जमा कर दी गई है। विवाद के खत्म होते ही सभी को मुआवजा मिल जाएगा।

105 करोड़ रुपए बांटा मुआवजा
भू अध्याप्ति विभाग के मुताबिक, यहां कस्टम विभाग का दफ्तर भी होगा। साथ ही होटल, धर्मकांटा, गोदाम आदि बनाए जाएंगे। यह पार्क अमृतसर कोलकाता डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूमा स्टेशन के पास बन रहा है। इससे यहां माल की लोडिंग, अनलोडिंग का कार्य होगा। इंडस्ट्रियलिस्ट अपना माल गोदाम किराए पर लेकर रख सकेंगे। दिल्ली, हावड़ा, पटना, भुवनेश्वर आदि शहरों को भेज सकेंगे। भूमि अधिग्रहण के लिए 130 करोड़ रुपए प्रशासन को दिए गए थे। जिसमें से अबतक 105 करोड़ रुपए बांट दिया गया है।

ऐसे वर्क करेगा लॉजिस्टिक पार्क
किसी दूसरे स्टेट या सिटी से जब कानपुर में माल आएगा तो वह सिटी के अंदर आने की बजाय सीधे इसी लॉजिस्टिक पार्क के स्टोरेज में रखा जाएगा। इसके बाद जरूरत के अनुसार, इन गोदामों से बाद में सामान पहुंचाया जाएगा। इस तरह के पार्क के नेटवर्क की वजह से खाद्य उत्पादों की सप्लाई में खासकर इजाफा होगा। पार्क के बनने पर लगभग दस हजार लोगों को फायदा पहुंचेगा। बताया गया कि अभी तक कंपनी ने एनसीआर में चार लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए अलग अलग जगह चिहिन्त कर पार्क बनाने का काम चल रहा है।

ट्रैफिक का दबाव घटेगा
अधिकारियों के मुताबिक, पार्क बनने के बाद सिटी में बड़े वाहनों को ट्रैफिक लोड भी कम हो जाएगा। बाहर से आने वाली गाडिय़ां इस पार्क में खड़ी हो जाया करेंगी। जिससे एयर पॉल्यूशन कम होने के साथ-साथ ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। साथ ही नए और छोटे वाहन के कई मालिकों को भी रोजगार के अवसर मिल जाएगा। संभावना जताई गई कि इस पर जल्द ही टेंडर के बाद काम चालू करवा दिया जाएगा। भू अध्याप्ति विभाग के दिनेश साहू ने बताया कि तीन गांवों की 56 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर डीएफसीसीआईएल को सौंप दिया गया है। अबतक लगभग 105 करोड़ रुपए बतौर मुआवजा के तौर पर रकम बांटी गई है। इसके अलावा जिन जमीनों पर मलिकाना हक का विवाद चल रहा है, उनके मुआवजे की रकम सुरक्षित कर ली गई है। केस निपटने के बाद धनराशि बांट दी जाएगी।

लॉजिस्टक पार्क : एक नजर में
03 गांवों से जमीन की गई अधिग्रहण
56 हेक्टेयर पर बनेगा लॉजिस्टक पार्क
130 करोड़ मुआवजे के लिए दिए गए
105 करोड़ रुपए का बांटा मुआवजा
144 किसानों का आपस में विवाद
500 करोड़ पार्क के लिए शुरुआती लागत
2023 जनवरी में टेंडर की संभावना

& पिछले काफी समय से जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा था, जो अब लगभग फाइनल स्टेज पर पहुंच गई है, जल्द ही आगे का खाका तैयार किया जाएगा.&य
राजेश अग्रवाल, डिप्टी चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, डीफसी