लाइव बहस के दौरान ट्विटर पर इंडियाना में अपने साथियों से जुड़ी एडी टर्नर कहती हैं, ''आज की बहस में उस तरह का माहौल है जैसा कुश्ती से पहले होता है। लग रहा है कि हर तर्क पर दांव लगे हैं और हर बात पर हार जीत का फैसला हो रहा है। इससे ज्यादा रोमांच और क्या होगा.''

जवाब नहीं आरोप-प्रत्योप

ट्विटर पर ब्रैंडन डीबोल्ड लिखते हैं, ''मुझे रोमनी बेहद अच्छे लगे इसलिए नहीं कि वो ओबामा से बेहतर नेता हैं बल्कि इसलिए क्योंकि जब भी वो ओबामा पर आरोप या कटाक्ष करते हैं राष्ट्रपति के पास कोई जवाब नहीं होता, उन्हें कोई जवाब सूझता ही नहीं.''

कुछ लोगों को ये भी लगा कि एक बार फिर ये बहस ज़रूरी सवालों के जवाब देने के बजाय मिट रोमनी और ओबामा के बीच आरोप-प्रत्योप बनकर रह गई। एक वोटर के सवाल के जबाव में दोनों ने एक दूसरे की जमकर आलोचना की, क्या इससे उनके वोटर को अपना जवाब मिल गया।

इस बीच बहस के बाद बहस पर सीएनएन के पोल नतीजे भी सामने आ गए हैं जिसमें ओबामा को 46 फीसदी और रोमनी को 39 फीसदी लोगों ने बेहतर माना।

बहस खत्म हुई तो ब्रिटेन के टीवी होस्ट जो स्कारबोरॉग़ ने ट्वीट किया, ''पहली बहस रोमनी ने जीती। दूसरी बहस में ओबामा आगे निकल गए। ओबामा और रोमनी का अगला दांव अब मामले को आर या पार कर देगा.''

बहस का सबसे रोमांचक हिस्सा

बेरोज़गारी, इराक़ और अप्रवासियों के मुद्दे पर भिड़े अमरीकी राष्ट्रपति और उनके प्रतिद्वंद्वी के हर तर्क हर पैंतरे पर बहस सुनने वालों की तीखी नज़र थी।

बुएनस आयर्स से ईमेल के ज़रिए बीबीसी से जुड़ी ईवान कहती हैं, ''ओबामा ने साबित कर दिया है कि उन्होंने पिछली बहस में हुई खामियों की भरपाई कर दी है लेकिन उनके समर्थकों को अब इस बात की चिंता सता रही है कि पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रपति ने अपनी कमज़ोर छवि पेश की है.''

बीबीसी संवाददाता मार्क मार्डेल के मुताबिक बहस का सबसे रोमांचक हिस्सा वो था जब लीबिया में चरमपंथ के मुद्दे पर राष्ट्रपति ओबामा को आड़े हाथों लेते हुए मिट रोमनी ने उन पर आरोप लगाए लेकिन बहस की संचालक कैंडी क्राउली ने उन्हें काटते हुए स्पष्ट रुप से बोला कि उनके तथ्य गलत हैं। मार्डेल के मुताबिक ओबामा के लिए इस बहस में मज़बूत होना ज़रूरी था और उन्होंने वही किया।

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