कानपुर (ब्यूरो)। पूरी दुनिया में बाउल ऑफ शुगर(चीनी का कटोरा)के नाम से विख्यात क्यूबा भी अब अपनी शुगर इंडस्ट्री को एडवांस बनाने के लिए नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) की मदद लेगा। इस काम के लिए क्यूबा के रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन शुगर डेरिवेटिव्स (आईसीआईडीसीए) ला हबाना क्यूबा और एनएसआई के बीच एमओयू हुआ है। 1980 के दशक में शुगरकेन के लिए फेमस और 8 मिलियन मीट्रिक टन शुगर का प्रोडक्शन करने वाला क्यूबा इस समय अपनी डोमेस्टिक डिमांड 5 लाख मीट्रिक टन से भी कम एनुअल प्रोडक्शन कर रहा है।

ट्रेनिंग विद टेक्नोलॉजी
पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और 1991 में सोवियत संघ के पतन से मुख्य खरीदार के खत्म हो जाने के बाद से क्यूबा की शुगर इंडस्ट्री चरमरा गई है। उसका प्रोडक्शन भी लगातार गिरता चला गया। ऐसे में शुगर इंडस्ट्री के रेस्टोरेशन के लिए एनएसआई अब क्यूबा की मदद करेगा। उन्हें ट्रेनिंग के साथ टेक्नोलॉजी में भी सहयोग करेगा। क्यूबा के लोग जुलाई महीने में एनएसआई आकर ट्रेनिंग ले सकते हैैं।

150 से 56 रह गई मिल्स
आईसीआईडीसीए के डीजी मारिएला गैलार्डो कैपोट ने एनएसआई को बताया कि 1980 में क्यूबा में 150 शुगर मिल्स थीं जो कि सरकार द्वारा किए गए पुनर्गठन के बाद 56 रह गई हैैं। उनमें से केवल 25 मिल्स प्रोडक्शन में योगदान दे रही हैैं। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए खेत से लेकर मिलों तक हर जगह सुधार की आवश्यकता है। अधिकांश मिलों की टेक्नोलॉजी पुरानी है। ऐसे में एनएसआई की ओर से प्रोडक्शन प्रोसेस में चेंजमेंट, कुशल संयंत्र और मशीनरी स्थापित कराना, ऊर्जा संरक्षण और मशीनरी को माडर्न करने समेत कई चीजों पर क्यूबा की हेल्प की जाएगी।

&बाउल ऑफ शुगर&य को भी अब ट्रेनिंग देगा एनएसआई
कानपुर (ब्यूरो)। पूरी दुनिया में बाउल ऑफ शुगर(चीनी का कटोरा)के नाम से विख्यात क्यूबा भी अब अपनी शुगर इंडस्ट्री को एडवांस बनाने के लिए नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) की मदद लेगा। इस काम के लिए क्यूबा के रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑन शुगर डेरिवेटिव्स (आईसीआईडीसीए) ला हबाना क्यूबा और एनएसआई के बीच एमओयू हुआ है। 1980 के दशक में शुगरकेन के लिए फेमस और 8 मिलियन मीट्रिक टन शुगर का प्रोडक्शन करने वाला क्यूबा इस समय अपनी डोमेस्टिक डिमांड 5 लाख मीट्रिक टन से भी कम एनुअल प्रोडक्शन कर रहा है।

ट्रेनिंग विद टेक्नोलॉजी
पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और 1991 में सोवियत संघ के पतन से मुख्य खरीदार के खत्म हो जाने के बाद से क्यूबा की शुगर इंडस्ट्री चरमरा गई है। उसका प्रोडक्शन भी लगातार गिरता चला गया। ऐसे में शुगर इंडस्ट्री के रेस्टोरेशन के लिए एनएसआई अब क्यूबा की मदद करेगा। उन्हें ट्रेनिंग के साथ टेक्नोलॉजी में भी सहयोग करेगा। क्यूबा के लोग जुलाई महीने में एनएसआई आकर ट्रेनिंग ले सकते हैैं।

150 से 56 रह गई मिल्स
आईसीआईडीसीए के डीजी मारिएला गैलार्डो कैपोट ने एनएसआई को बताया कि 1980 में क्यूबा में 150 शुगर मिल्स थीं जो कि सरकार द्वारा किए गए पुनर्गठन के बाद 56 रह गई हैैं। उनमें से केवल 25 मिल्स प्रोडक्शन में योगदान दे रही हैैं। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए खेत से लेकर मिलों तक हर जगह सुधार की आवश्यकता है। अधिकांश मिलों की टेक्नोलॉजी पुरानी है। ऐसे में एनएसआई की ओर से प्रोडक्शन प्रोसेस में चेंजमेंट, कुशल संयंत्र और मशीनरी स्थापित कराना, ऊर्जा संरक्षण और मशीनरी को माडर्न करने समेत कई चीजों पर क्यूबा की हेल्प की जाएगी।

इंडोनेशिया के तीन अफसर ले रहे ट्रेनिंग
पीटी पीजी राजावली शुगर ग्रुप, इंडोनेशिया के तीन सीनियर टेक्निकल अफसर एरिक हरियांतो, हरि सुशास्ञ और हस्फी मौलाना एनएसआई में आकर 6 वीक के ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए हैैं। इस ट्रेनिंग के दौरान वह खेत से लेकर मिलों तक प्रोडक्शन की कमी को देखते हुएसमस्यात्मक क्षेत्रों में दक्षता में सुधार के लिए एनएसआई की टेक्नलॉजी समझेंगे। इसके अलावा इंडोनेशिया में उच्च ऊर्जा खपत, प्रोसेसिंग के दौरान चीनी की अधिक हानि और चीनी उत्पादन की उच्च लागत से मिलों की दक्षता में कमी परिलक्षित हो रही थी। इस पर भी सॉल्यूशन लेंगे।

2023 में पांच देशों को ट्रेनिंग
पूरी दुनिया में अपनी टेक्नोलॉजी का लोहा मनवा चुके एनएसआई में अपने देश के अलावा कई देशों की शुगर इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स भी ट्रेंनिंग ले रहे हैैं। इस साल इंडोनेशिया, यमन, नाइजीरिया, श्रीलंका और भूटान के शुगर स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग ले चुके हैैं, जिसमें इंडोनेशिया के एक्सपर्ट इस समय एनएसआई में ट्रेनिंग ले रहे हैैं।

क्या सीखने एनएसआई आते हैं विदेशी
एनएसआई में विदेशों से आकर शुगर टेक्नोलॉजी सीखने आने के पीछे कुछ विशेष कारण हैैं। यहां पर 36 तरह की शुगर प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी को डेवलप किया गया है। इसके अलावा यहां की मॉडर्न टेक्नोलाजी की डिमांड हर देश में है। इसके अलावा यहां जैसा प्लांट और मशीनरी किसी अन्य देश के पास नहीं है। इसके अलावा शुगर मिल्स के वेस्ट से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट डेवलप करने में एनएसआई को महारथ हासिल है। यहीं वह खूबियां हैैं, जिसको सीखने के लिए विदेश से भी लोगों ने यहां आना स्टार्ट किया है।

पीटी पीजी राजावली शुगर ग्रुप, इंडोनेशिया के तीन सीनियर टेक्निकल अफसर एरिक हरियांतो, हरि सुशास्ञ और हस्फी मौलाना एनएसआई में आकर 6 वीक के ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए हैैं। इस ट्रेनिंग के दौरान वह खेत से लेकर मिलों तक प्रोडक्शन की कमी को देखते हुएसमस्यात्मक क्षेत्रों में दक्षता में सुधार के लिए एनएसआई की टेक्नलॉजी समझेंगे। इसके अलावा इंडोनेशिया में उच्च ऊर्जा खपत, प्रोसेसिंग के दौरान चीनी की अधिक हानि और चीनी उत्पादन की उच्च लागत से मिलों की दक्षता में कमी परिलक्षित हो रही थी। इस पर भी सॉल्यूशन लेंगे।

2023 में पांच देशों को ट्रेनिंग
पूरी दुनिया में अपनी टेक्नोलॉजी का लोहा मनवा चुके एनएसआई में अपने देश के अलावा कई देशों की शुगर इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स भी ट्रेंनिंग ले रहे हैैं। इस साल इंडोनेशिया, यमन, नाइजीरिया, श्रीलंका और भूटान के शुगर स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग ले चुके हैैं, जिसमें इंडोनेशिया के एक्सपर्ट इस समय एनएसआई में ट्रेनिंग ले रहे हैैं।

क्या सीखने एनएसआई आते हैं विदेशी
एनएसआई में विदेशों से आकर शुगर टेक्नोलॉजी सीखने आने के पीछे कुछ विशेष कारण हैैं। यहां पर 36 तरह की शुगर प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी को डेवलप किया गया है। इसके अलावा यहां की मॉडर्न टेक्नोलाजी की डिमांड हर देश में है। इसके अलावा यहां जैसा प्लांट और मशीनरी किसी अन्य देश के पास नहीं है। इसके अलावा शुगर मिल्स के वेस्ट से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट डेवलप करने में एनएसआई को महारथ हासिल है। यहीं वह खूबियां हैैं, जिसको सीखने के लिए विदेश से भी लोगों ने यहां आना स्टार्ट किया है।