कानपुर (ब्यूरो) एनएसआई से क्वालिटी कन्ट्रोल एंड एनवॉयरमेंट साइंस में में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करने वाले स्टूडेंट्स को अब सीएसजेएमयू के एमएससी एनवॉयरमेंट साइंस के सेकेंड ईयर में सीधे एडमिशन मिल सकेगा। यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर विनय कुमार पाठक और एनएसआई के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर नरेंद्र मोहन ने फ्राईडे को संबंधित शैक्षिक करार(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

बढ़ जाएगा महत्व
नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को अब तक चीनी उत्पादन क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिल रहा है लेकिन सीएसजेएमयू के साथ आने से संस्थान के इस डिप्लोमा कोर्स की वैल्यू कई गुना बढ़ गई है। पोस्ट ग्र्रेजुएट डिप्लोमा धारी स्टूडेंट यूनिवर्सिटी से एनवॉयरमेंट साइंस में एमएससी की डिग्री हासिल करने के बाद विभिन्न तरह के रिसर्च वर्क और दूसरी इंडस्ट्रियल फील्ड के लिए अपने को तैयार कर सकेंगे।

डिप्लोमा को डिग्र्री में बदलने का मौका
एनएसआई के डायरेक्टर ने इस मौके पर कहा कि यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के निजी प्रयासों से संस्थान के डिप्लोमा कोर्स को डिग्री में बदलने का अवसर मिला है। प्रोफेसर पाठक ने इस अवसर पर बताया कि दोनों संस्थान भविष्य में भी मिलकर एजूकेशनल एक्टिविटीज में सहयोग भाव से कार्य करेंगे। दोनों संस्थान के शिक्षक एक दूसरे संस्थान में जाकर कक्षाओं में स्टूडेंट्स को शिक्षा देंगे साथ में मिलकर रिसर्च वर्क भी किए जाएंगे।
दोनो को मिलेगा फायदा
एनएसआई की विशेषज्ञता और यूनिवर्सिटी के एनवॉयरमेंट साइंस डिपार्टमेंट के विस्तृत कार्यक्षेत्र का एक दूसरे को लाभ मिलेगा। इससे स्टूडेंट्स के साथ ही टीचर्स का भी प्रोत्साहन होगा। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी, प्रोफेसर वर्षा, डॉक्टर द्रौपदी यादव और एनएसआई के विज्ञानी डॉ सुधांशु मोहन समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।