- रोड्स की मैकेनिकल स्वीपिंग के लिए 10 प्राइवेट एजेंसी का सेलेक्शन, फर्स्ट फेज में 50 वार्ड्स से होगी शुरुआत
-न तो धूल उड़ेगी और न ही कहीं मिट्टी और कूड़े के ढेर नजर आएंगे, एयर पॉल्यूशन में आएगी 70 फीसदी भी कमी
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KANPUR : स्मार्ट सिटी में शहर की सफाई भी स्र्माट तरीके से होगी। झाड़ू लगाने की वजह से वार्डो में न तो धूल उड़ेगी और न ही कहीं मिट्टी और कूड़े के ढेर नजर आएंगे। सिटी के वार्डो में मैकेनिकल स्वीपिंग की तैयारी शुरू की जा चुकी है। जिससे पॉल्यूशन के लेवल में भी भारी कमी आएगी। शासन लेवल पर 10 प्राइवेट एजेंसी का सेलेक्शन किया जा चुका है। वहीं शासन में हुई मीटिंग के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने वार्डो की डिटेल भी लखनऊ भेज दी है। फर्स्ट फेज में सिटी के 50 वार्डो में मैकेनिकल स्वीपिंग की जाएगी। बारिश के बाद अक्टूबर से इसकी शुरुआत की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
रेगुलर हाेगी सफाई
वार्डो में तैनात सैकड़ों सफाई कर्मचारी रेगुलर सफाई नहीं करते हैं। इससे उनकी तय बीट पर काफी गंदगी हो जाती है। वहीं मैकेनिकल स्वीपिंग से कर्मचारियों की मनमानी भी खत्म हो जाएगी। मौजूदा टाइम में नगर निगम में रेगुलर, संविदा और आउटसोर्स कर्मियों की टोटल संख्या 5577 है। वहीं बीट अलॉटमेंट को जोनल स्वास्थ्य अधिकारी और पार्षदों के बीच तकरार के साथ ही करप्शन भी खत्म हो जाएगा।
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पॉल्यूशन होगा कम
मैनुअल क्लीनिंग होने से झाड़ू लगाते वक्त काफी धूल उड़ती है, जो सिटी में पॉल्यूशन का बड़ा कारण बनती है। सर्दियों में धूल की वजह से पॉल्यूशन कई गुना बढ़ जाता है। सिटी में 70 परसेंट पॉल्यूशन धूल की वजह से होता है। एनजीटी भी मैकेनिकल सफाई की वकालत कर चुका है। इसके चलते ही नगर विकास विभाग भी सर्दियों में सफाई से पहले पानी का छिड़काव करने के निर्देश दे चुका है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता है। वहीं मशीनों से सफाई होने पर रोड किनारे भी धूल नहीं दिखेगी।
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नगर निगम का घटेगा बोझ
नगर निगम पिछले कई सालों से फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहा है। इस बार शासन से मिलने वाली ग्रांट में भी 8 करोड़ की कटौती कर दी गई है। हर महीने 30 करोड़ रुपए सैलरी और पेंशन में खर्च करता है। जुलाई की सैलरी देने में नगर निगम को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्राइवेट स्वीपिंग होने से कर्मियों को दी जाने वाली सैलरी का बोझ कम होगा।
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सिर्फ 2 रोड क्लीनर
नगर निगम के पास अभी सिर्फ 2 रोड क्लीनिर ट्रक है। ये रोज अपने निधार्रित रूट की रोड पर क्लीनिंग करते हैं। जिस भी रूट पर यह क्लीनिंग करते हैं, वहां धूल जरा भी नहीं उड़ती है। बड़े वैक्यूम टैंक में पूरी धूल समा जाती है।
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वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन भी 'प्राइवेट'
स्मार्ट सिटी के तहत बनाए जा रहे सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन भी प्राइवेट हाथों में दिए जाएंगे। अभी 3 चुन्नीगंज, जनता नगर और पनकी बन चुके हैं। इनका मेंटेनेंस और संचालन प्राइवेट कंपनीज ही करेंगी। इसके लिए टेंडर कॉल किए गए हैं। 22 अगस्त को टेंडर खोले जाएंगे। स्मार्ट सिटी प्रभारी व सहायक नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी के मुताबिक खरीदे गए कॉम्पैक्टर भी कंपनी को सौंपे जाएंगे।
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क्लीनिंग के लिए अवेलबेल इक्यिूपमेंट
कूड़ा ढोने वाले ट्रक -- 42
नए कूड़ा ट्रक खरीदे गए--12
टाटा एस ट्रक -- 45
नए टाटा एस ट्रक खरीदे गए-- 30
जेसीबी-- 9
लोडर-- 7
बड़े डंपर-- 6
छोटे डंपर-- 11
माइक्रो डंपर-- 4
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आंकड़ों में क्लीनिंग मशीन
मैकेनिकल उपकरण-- 188
मैनुअल उपकरण-- 7500
खराब पड़े उपकरण
मैकेनिकल उपकरण-- 39
मैनुवल उपकरण-- 10
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सफाई कर्मचारियों की संख्या
रेगुलर कर्मी ---1837
संविदा कर्मी ---2031
आउटसोर्स कर्मी ---1709
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शासन में पिछले दिनों प्राइवेट क्लीनिंग को लेकर मीटिंग हुई थी। 10 प्राइवेट एजेंसी हायर की जा चुकी हैं। उम्मीद है कि फर्स्ट फेज में 50 वार्ड में यह मैकेनिकल स्वीपिंग शुरू की जा सकती है।
-डॉ। अजय कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम।