-- पहले के मेट्रो प्रोजेक्ट्स की तरह साइट पर स्लैब डालने का नहीं होगा काम, पहले से बना ली जाएगी स्लैब
-लोगों को कम से कम दिनों तक झेलनी पड़ेगी ट्रैफिक जाम की समस्या, एक्सीडेंट की संभावना भी हो जाएगी खत्म
KANPUR: मेट्रो का एलीवेटेड ट्रैक व स्टेशन बनाने के लिए यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के ऑफिसर नई टेक्निक का यूज कर रहे हैं। जिससे जल्द से जल्द यह प्रोजेक्ट कम्प्लीट हो सके। इसी कड़ी में आईआईटी सहित अन्य एलीवेटेड मेट्रो स्टेशंस की कॉनकोर्स स्लैब (रोड के ठीक ऊपर) प्री कास्टेड होगी। यानि की दूसरे प्रोजेक्ट्स की तरह कॉनकोर्स स्लैब के लिए साइट पर गैल्वनाइज्ड आयरन शीट को बेस बनाकर कंक्रीटिंग नहीं जाएगी। जिससे लोगों का काफी दिनों तक ट्रैफिक प्रॉब्लम का सामना न करना पड़े। साथ ही एक्सीडेंट की संभावना न रह जाए। अब कॉस्टिंग यार्ड में यह स्लैब तैयार होगी और मेट्रो स्टेशन के लिए निर्धारित स्थान पर रखी जाएगी।
मेट्रो के लिए बदला ट्रांसमिशन लाइन का रास्ता
नवंबर 2021 में आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो चलाए जाने की तैयारी है। इस समय काम भी तेजी से चल रहा है। यूपीएमआरसी के मुताबिक अब तक जीटी रोड पर 500 से अधिक पाइल्स व 25 पिलर तैयार किए जा चुके है। पिलर्स पर रखने के लिए यू गर्डर भी बनाए जा रहे हैं, जिन पर मेट्रो ट्रैक बिछाई जाएगी। वहीं दूसरी ओर मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर सीएसए से बर्रा 8 के रास्ते में गोविन्द नगर विद्युत कालोनी में बन रहे 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन आ रही है।
मांगी है एनओसी
ट्रांसमिशन ने 220 केवी लाइन रामगोपाल चौराहा से शास्त्री चौक तक नेरोबेस टॉवर ग्रीन बेल्ट पर बनाकर विद्युत कालोनी तक लानी की तैयारी की थी। यूपीएमआरसी के जानकारी देने पर ट्रांसमिशन ने ट्रांसमिशन लाइन के लिए अब 80 फिट रोड से कानपुर-झांसी लाइन होते हुए स्टेशन तक लाई जाएगी। ट्रांसमिशन के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एसके पुरवार के नगर नगर निगम से ओवरहेड और अंडरग्राउंड इस लाइन के लिए एनओसी मांगी हैं।