कानपुर (ब्यूरो) एचआईवी की नई दवा, बैक्टीरियल व वायरल संक्रमण पर प्रभावी दवाओं के अलावा मल्टीविटामिन और सैनेटाइजर भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही कि टीबी के इलाज में तीन नए काम्बिनेशन साल्ट की दवाएं भी बनेंगी। जो ज्यादा इफेक्टिव होंगी। मालूम हो कि डीसीजीआई में दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग की परमिशन देने वाली एक्सपर्ट कमेटी कोआर्डिनेशन सेल में बतौर एक्सपर्ट देश भर से 8 एक्सट्र्स शामिल हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल प्रो। रिचा गिरि भी इस कमेटी की मेंबर हैं।
क्लीनिकल ट्रायल सक्सेसफुल
डीसीजीआई की एक्सपर्ट कमेटी कोऑर्डिनेशन सेल की ऑनलाइन मीटिंग 26 जुलाई को हुई थी। जिसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी वायरल काम्बिनेशन साल्ट से जुड़े प्रपोजल पर मरीजों पर थर्ड फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़े और उनके रिजल्ट के आधार पर चर्चा की गई। इन दवाओं के साल्ट का मरीजों पर प्रभाव अच्छे मिले थे। इसी आधार पर 14 नए कॉम्बिनेशन साल्ट से दवाएं बनाने की परमिशन दे दी गई है।
नए मॉलीक्यूल से नई दवाएं
प्रो। रिचा गिरि ने जानकारी दी कि टीबी के तीन काम्बिनेशन साल्ट को बनाने की परमीशन दी है। इसमें एक नया मालिक्यूल प्रीटोमनिड, माक्सीफ्लोक्सासीन व रिफापेंटिन जोड़कर कॉम्बिनेशन बनाया है। पहली दवा प्रीटोमानिड, माक्सीफ्लोक्सासिन, पैराजिनामाइड और बीडाकुलिन साल्ट से बनी है। दूसरी दवा रिफापेंटिन, आइसोनियाजिड और माक्सीफ्लोक्सासिन साल्ट जबकि तीसरी दवा रिफापेंटिन, आइसोनियाजिड, पैराजिनामाइड और माक्सीफ्लोक्सासिन साल्ट की टेबलेट होगी।
एचआईवी की भी नई ड्रग
एचआइवी के मरीजों के लिए नई बिटेग्रावीर, इमट्रिसिटाबिन, टेनोफोवीर एवं अलाफेनामिड साल्ट के काम्बिनेशन से तैयार होगी। यह दवा फेज थ्री के ट्रॉयल में एचआइवी संक्रमितों पर कारगर साबित हुई है।
नए साल्ट से दर्द की नई दवा
किडनी और पेट की प्रॉब्लम से भीषण दर्द होता है। इससे राहत के लिए अभी तक डोट्रावेरिन दवा थी। अब इसके नए साल्ट डोरावेरिन से दवा बनाने की परमीशन दी गई है। इसका ट्रायल मरीजों पर काफी इफेक्टिव पाया गया है।
मल्टी विटामिन का भी कांबिनेशन सॉल्ट
डीसीजीआई की एक्सपर्ट कमेटी की ओर से हैंड सैनेटाइजर और मल्टीविटामिन दवा बनाने के लिए भी कॉम्बिनेशन सॉल्ट को परमिशन दी गई है। अब फार्मा कंपनियां इनकी मैन्युफैक्चरिंग कर उन्हें मार्केट में लांच करेंगी।