कानपुर (ब्यूरो)। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में अब हर दर्द की दवा मिलेगी। फिर चाहे वह कैंसर का असहीन दर्द हो या फिर स्पाइन का। क्योंकि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में देश का पहला पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट शुरू हो गया है। जहां वार्ड, आईसीयू से लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर्स व स्टॉफ की तैनाती भी कर दी गई है। सिटी में पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट शुरू होने से कानपुराइट्स के साथ-साथ हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए आने वाले आसपास के 17 सिटीज के लाखों पेशेंट को काफी राहत मिलेगी।
किसी दर्द को न करे नजर अंदाज
एक्सपर्ट के मुताबिक शरीर में होने वाला हर दर्द सामान्य नहीं होता है। कुछ दर्द नजरअंदाज करने से भविष्य में बड़ा खतरा बन जाता है। जिसके बाद पेशेंट ट्रीटमेंट के लिए आता है तो उसको रिलीफ मिलने में भी काफी समय लग जाता है। जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट शुरू हो चुका है तो अब किसी भी पेन को नजर अंदाज करने से अच्छा एक बार एक्सपर्ट से जरूर चेकअप करा लें।
नसों से लेकर घुटने दर्द तक का ट्रीटमेंट
जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के नोडल ऑफिसर न्यूरो सर्जन प्रो। मनीष सिंह ने बताया कि पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट में नसों की वजह से होने वाले दर्द के साथ घुटने का दर्द, कैंसर की वजह से शरीर में होने वाले असहनीय दर्द को पेन फाइबर की मदद से दूर किया जाएगा। इसके साथ डिपार्टमेंट की ओपीडी में रीढ़ व कमर दर्द के पेशेंट का ट्रीटमेंट कर उनको रिलीफ दिया जाएगा।
रेडियों फ्रिक्वेंसी व न्यूरो मॉडिलेशन ट्रीटमेंट भी
प्रो। मनीष सिंह ने बताया कि एक समय के बाद प्रभावित अंगों में मेडिसिन असर करना बंद कर देती है। ऐसे में पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट में रेडियो फ्रिक्वेंसी और न्यूरो मॉडुलेशन से पेशेंट के प्रभावित पाट््र्स का ट्रीटमेंट किया जाता है। जिस पार्ट में दर्द है, उस हिस्से की नस को चिन्हित कर उसमें सीधे मेडिसिन दी जाएगी। इससे नस का दर्द तो ठीक होगा ही, शरीर के अन्य किसी पार्ट को किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होगा।
रीढ की हड्डी में पंप से दी जाएगी मेडिसिन
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रो। चंद्र शेखर ने बताया कि दर्द की दवा अधिक मात्रा में दिए जाने पर उसके कई साइड इफेक्ट होते हैं। जोकि शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में स्पाइन की समस्या से पीडि़त पेशेंट को पेन मेडिसिन डिपार्टमेंट में इंट्राथिकल मॉर्फिन पंप के माध्यम से मेडिसिन दी जाएगी। जो सीधे टारगेट प्वाइंट(दर्द वाले हिस्से)पर पहुंचेगी। इस हिस्से में कम से कम मेडिसिन देकर उसे ठीक किया जा सकता है। इसमें डोज को भी जरूरत के हिसाब से सेट किया जाता है।