- आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन, एसिम्टोमैटिक और हल्के लक्षण वाले पेशेंट्स का ही कर सकेंगे इलाज
KANPUR: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव अब भले कम हो गया हो, लेकिन अब कोरोना संक्रमित एसिम्टोमैटिक व हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज होम्योपैथिक डॉक्टर्स को करने की इजाजत आयुष मंत्रालय ने दे दी है। हालांकि इससे पहले से ही कोरोना संक्रमितों के इलाज मे आर्सेनिकम एल्बम दवा काफी लोकप्रिय है और इसका एक साल से काफी इस्तेमाल भी हो रहा है। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक होम्योपैथिक डॉक्टर्स एसिम्टोमैटिक और हल्के लक्षण वाले पेशेंट्स का ही इलाज कर सकेंगे। लक्षण बढ़ते हैं तो उन्हें मरीजों को रेफर करना होगा। इलाज के दौरान होम्योपैथिक डॉक्टर्स को पेशेंट्स का ऑक्सीजन लेवल भी चेक करते रहना होगा। होम्योपैथिक दवाओं के साथ संक्रमितों को गर्म पानी से गरारा भी करते रहना होगा। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट की यह गाइडलाइन होम आइसोलेशन में इलाज कराने वाले कोरोना संक्रमितों के लिए ही हैं।
दवाओं के इस्तेमाल की भी गाइडलाइन
कल्याणपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। पुनीत ने जानकारी दी कि आयुष मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन में पेशेंट्स को कितनी दवा देनी है। इसे लेकर भी जानकारी दी गई है। आरसेनिकम एल्बम-30 सी की 4 गोली दिन में दो से 7 बार देनी होगी। इसके अलावा एकोनिटम नेपोलस, बेलाडोना, बरयोनिया एल्बम, फेरस फास्फोरिकम, गलसेमियम,फास्फोरस , रस टाक्सिकोडेंड्रम जैसी दवाओं का इस्तेमाल पेशेंट्स को लक्षणों के आधार पर करना होगा। किसी संक्रमित के घर के लोगों को भी आर्सेनिकम एल्बम-30 सी दी जा सकेगी।