- यात्रा करने वाले पैसेंजर्स के मोबाइल फोन पर भेजे गए लिंक और क्यूआर कोड को स्कैन कर होगी पैसेंजर्स के टिकट की जांच
- कानपुर सेंट्रल समेत एनसीआर जोन में लागू किया यह सिस्टम, नए सिस्टम से पैसेंजर्स को ट्रेनों की खाली बर्थ की भी जानकारी मिलेगी
KANPUR(23 July): कोरोना काल में क्यूआर कोड अब रेलवे पैसेंजर्स की पहचान बनेगा। दरअसल, रेलवे चाहता है कि उसके कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग को मेनटेन रखते हुए बिना छुए ही रिजर्वेशन टिकट की जांच कर लें। इसके लिए सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) के तहत क्षेत्रीय रेलों के आधार पर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन लांच किया गया है। इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने वाले टीटीई पैसेंजर्स के मोबाइल के लिंक और क्यूआर कोड का मिलान कर ट्रैवलिंग का विवरण देख सकेंगे। वहीं पैसेंजर्स अपने मोबाइल से ट्रेन की आक्यूपेंसी यानी खाली बर्थ की जानकारी रीयल टाइम के आधार पर जान सकेंगे। कानपुर समेत एनसीआर रीजन में क्यूआर कोड आधारित संपर्क रहित रिजर्वेशन टिकट जांच प्रणाली सिस्टम शुरू हो चुका है। देश में सबसे पहले इसे एनसीआर रीजन में शुरू किया गया है।
कैसे काम करेगी एप्लीकेशन?
रेलवे ने यह सिस्टम फिलहाल कोविड-19 के दौरान पैसेंजर्स की जरूरत को देखते हुए किया है लेकिन व्यवस्था की सफलता को देखते हुए रेलवे अब इसे हमेशा के लिए लागू करने की प्लानिंग भी कर रहा है.रिजर्वेशन के दौरान पैसेंजर्स की ओर से रेलवे को उपलब्ध कराए गए फोन नंबर में मैसेज के माध्यम से क्यूआर कोड भेजा जाएगा। ट्रेन में जर्नी के दौरान स्टेशन पर टिकट चेकिंग के दौरान पैसेंजर्स को एंट्री गेट के पास लगी क्यूआर कोड रनिंग मशीन में अपने मोबाइल में आए क्यूआर कोड को स्कैन कराएगा। काउंटर में बैठा चेकिंग स्टाफ जब पैसेंजर्स की डिटेल कंफर्म कर लेगा तब उसे स्टेशन में एंट्री करने की अनुमति देगा। जिसके बाद ट्रेन में टिकट चेकिंग कराने की जरूरत पैसेंजर्स को नहीं पड़ेगी। साथ ही ट्रेन में बिना टिकट के एक भी पैसेंजर एंट्री नहीं कर पाएगा।
स्टाफ को ट्रेनिंग देने के आदेश
एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि रेलवे ने इस सिस्टम को लागू करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही रेलवे चेकिंग स्टाफ इस सिस्टम को बेहतर तरीके से ऑपरेट कर सके। इसके लिए चेकिंग स्टाफ को इस नए सिस्टम की सारी जानकारी से अवगत कराने का आदेश दिया है। पीआरओ के मुताबिक, कानपुर समेत एनसीआर के सभी स्टेशन के अधिक से अधिक चेकिंग स्टाफ को इस सिस्टम के बारे ट्रेनिंग देने के साथ जानकारी दी जा रही है।
अनाधिकृत लोगों की नहीं होगी एंट्री
रेलवे आफिसर्स के मुताबिक, इस सिस्टम के लागू होने के बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन में अनाधिकृत रूप से एंट्री करने वाले लोगों में पूरी तरह से अंकुश लग चुका है। स्टेशन छोड़ने आने वाले रिश्तेदार और दोस्तों को सिर्फ सर्कुलेटिंग एरिया तक ही आने की परमीशन है। प्लेटफॉर्म तक एंट्री सिर्फ उसको दी जाएगी। जिनके पास क्यूआर कोड या फिर कंफर्म रिजर्वेशन टिकट है। आफिसर्स के मुताबिक इस सिस्टम से जहां एक तरफ पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। वहीं रेलवे को भी विद आउट टिकट ट्रेनों में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स से राहत मिलेगी। ट्रेनों में पहले की तरह पैसेंजर्स को समस्या नहीं फेस करनी पड़ेगी।
देश में दूसरे नंबर में कानपुर स्टेशन
कानपुर सेंट्रल स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि कान्टेक्टलेस टिकट स्कैनिंग सिस्टम कोविड-19 के दौरान पैसेंजर्स की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने तैयार किया है। 15 दिनों में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर यह सिस्टम लागू किया गया। उन्होंने बताया कि कान्टेक्टलेस टिकट स्कैनिग सिस्टम को लागू करने वाला देश में दूसरा स्टेशन कानपुर सेंट्रल स्टेशन है।
आंकड़े
- 56 कोविड-19 स्पेशल ट्रेनों का संचालन वर्तमान में
- 20 हजार पैसेंजर्स का डेली आवागमन वर्तमान में
- 12 राजधानी ट्रेनों का संचालन वर्तमान में हो रहा
- दूसरा स्टेशन कानपुर है जहां यह सिस्टम लागू होगा
-03 लाख से अधिक पैसेंजर्स को मिलेगी रिलीफ
कोट
कोविड-19 के दौरान पैसेंजर्स की सुरक्षा को देखते हुए इस सिस्टम को तैयार किया गया है। इस सिस्टम के तहत ट्रेनों व स्टेशन में जहां अनाधिकृत पैसेंजर के प्रवेश पर अंकुश लगा है। साथ ही पैसेंजर्स अब आसानी से ट्रेनों की रीयल टाइम आक्यूपेंसी चेक कर सकता है।
अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर रीजन