- यूपी बोर्ड ने सिटी के 50 सरकारी स्कूलों से नहीं बनाया एग्जामनर
- लैब एग्जाम के लिए एग्जामनर न बन पाने वाले टीचर्स ने जताया गुस्सा
KANPUR: यूपी बोर्ड ने एग्जामनर्स की लिस्ट जारी की है। इसमें सिटी के किसी भी गवर्नमेंट टीचर का नाम नहीं है। इस बात को लेकर टीचर्स ने आक्रोश जताया है। अब यह मामला यूपी बोर्ड सचिव तक भी पहुंच गया है। उन्होंने तकनीकि गड़बड़ी बताकर जांच कराने को कहा है।
क्या है एग्जामनर बनाने का नियम?
यूपी बोर्ड की ओर से लैब एग्जाम कराए जाते हैं। नियमत: उनमें सबसे पहले राजकीय, फिर अशासकीय सहायता प्राप्त और उसके बाद सेल्फ फाइनेंस स्कूलों के टीचर्स को एग्जामनर बनाया जाता है। हालांकि सेशन 2021 के लैब एग्जाम के लिए जिन 102 विद्यालयों के लिफाफे बोर्ड की ओर से भेजे गए, उनमें सेल्फ फाइनेंस टीचर्स को तो जगह मिली, मगर राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया।
बोर्ड सचिव ने दिए जांच के आदेश
ऑल टीचर्स, इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी बोर्ड सचिव डॉ। दिव्यकांत शुक्ला को दी। बोर्ड सचिव ने तकनीकी तौर पर गलती होने की बात कहकर जांच के आदेश दे दिए। संगठन के मंडल अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि बोर्ड की ओर से जारी होने वाली दूसरी लिस्ट में गवर्नमेंट टीचर्स को जिम्मेदारी मिल सकती है। बोर्ड सचिव ने खुद इसके लिए आश्वस्त किया है।
किन कॉलेजों से बनते आए है एग्जामनर?
बीएनएसडी इंटर कॉलेज
- चाचा नेहरू इंटर कॉलेज
- डीएमयू इंटर कॉलेज
- क्राइस्टचर्च इंटर कॉलेज
- डीएवी इंटर कॉलेज
- पीपीएन इंटर कॉलेज
- कानपुर विद्या मंदिर
- सुभाष स्मारक इंटर कॉलेज और अन्य
एग्जामनर की नियुक्ति यूपी बोर्ड से की जाती है। अगर गवर्नमेंट स्कूलों के टीचर्स को एग्जामनर नहीं बनाया गया, तो इसके लिए बोर्ड सचिव को जानकारी देंगे।
- सतीश तिवारी, डीआईओएस