कानपुर (ब्यूरो) श्रमिक भारती संस्था ने बैरी सवाई गांव निवासी नूरजहां को बैंक से लोन करवा कर उसे सोलर लालटेन का व्यापार 2012 में शुरू किया था। वह सोलर लालटेन को चार्ज करतीं थीं और इसके बाद उनकी लालटेन आसपास के रुदापुर, फंदा, अनूपपुर, सुजानपुर, बैरी सवाई, बैरी दरियाव, बैरी बस्ता, संभरपुर व बैरी असयी गांव के घरों को रोशन किया करतीं थीं। यहां पढऩे वालेच्बच्चे व ग्रामीण शाम को सोलर लालटेन ले जाते थे और सुबह वापस कर जाते थे। एक लालटेन का मात्र पांच रुपये किराया वह लेतीं थीं, एक माह का किराया 100 रुपये लेतीं थीं। 29 नवंबर 2015 में देश के प्रधानमंत्री के मन की बात में नूरजहां को महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताए जाने से देश में सुर्खियों में नूरजहां आ गईं थीं।

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

उस समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक लाख रुपये की मदद भी की थी। घुटनों की बीमारी से परेशान चल रहीं नूरजहां बुधवार को खुश थीं कि बुलावे के लिए फोन आया। बेटे शमशाद ने बताया कि 29 अप्रैल को वह लोग सवारी वाहन से यहां से निकलेंगे। इसका खर्च राजभवन से ही दिया जाएगा साथ ही उनके रुकने की भी व्यवस्था की गई है। बेहद खुशी हो रही है कि इस यादगार कार्यक्रम का हिस्सा उनकी मां व परिवार के लोग होंगे।

विद्युतीकरण से काम पड़ा मंद

गांव में विद्युतीकरण होने लगा और बिजली व्यवस्था पहले से बेहतर हो गई इससे सोलर लालटेन की मांग कम होने से उनकी कमाई कम हो गई। नूरजहां बतातीं हैं कि स्वास्थ्य ने भी थोड़ा साथ नहीं दिया और बिजली आने व इन्वर्टर बैट्री के कारण भी काम फीका हो गया।