कानपुर (ब्यूरो)। थर्सडे को नॉमिनेशन का दौर खत्म होने के बाद फ्राईडे को चुनाव आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच शुरू की तो आधे प्लेयर्स मैच से पहलेे ही आउट होग गए। नामिनेशन भरने में की गई गलतियों के कारण अकबरपुर और कानपुर लोकसभा सीट मिलाकर 18 उम्मीदवारों के नॉमिनेशन रिजेक्ट कर दिए गए। इस तरह स्क्रूटनी कम्प्लीट होने के बाद कानपुर पार्लियामेंट सीट से चुनाव मैदान में अब 11 कैंडीडेट ही बचे हैं। इसी तरह अकबरपुर में अब 10 कैंडीडेट रह गए हैं। हालांकि नाम वापसी की लास्ट डेट 29 अप्रैल तक है। इसके बाद ही स्थिति क्लियर होगी।
तो लगानी पड़ती दो बैलेट यूनिट
कानपुर और अकबपुर पार्लियामेंट सीट के लिए नॉमिनेशन फाइल करने का सिलसिला 18 अप्रैल को शुरू हुआ था। नॉमिनेशन फाइल करने की लास्ट डेट 25 अप्रैल थी। इस दौरान अकबरपुर पार्लियामेंट से 15 कैंडीडेट ने नॉमिनेशन फाइल किए थे। वहीं कानपुर पार्लियामेंट सीट के लिए 24 कैंडीडेट ने नॉमिनेशन फाइल किए थे। इससे हर बूथ पर ईवीएम की दो बैलेट यूनिट लगने की आशंका हो गई थी। हालांकि फ्राईडे को स्क्रूटनी में अकबरपुर व कानपुर पार्लियामेंट से क्रमश: 5 व 13 कैंडीडेट के नॉमिनेशन पेपर रिजेक्ट हो गए। इससे पोलिंग पार्टी से जुड़े इम्प्लाइज को खासी राहत मिली है, वरना उन्हें दो बैलेट यूनिट को बोझ उठाना पड़ता।
मिलते-जुलते नाम के एक कैंडीडेट का नॉमिनेशन रिजेक्ट
कानपुर पार्लियामेंट सीट से इंडिपेडेंट के तौर पर नॉमिनेशन कराने वाले रमेश चन्द्र अवस्थी का भी पर्चा कैंसिल हो गया। इससे खासतौर पर बीजेपी लीडर्स को खासी राहत मिली है। क्योंकि इनका नाम बीजेपी के कैंडीडेट से खासा मिलता-जुलता था। हालांकि अकबरपुर पार्लियामेंट सीट से मिलते-जुलते नामों वाले दो कैंडीडेट चुनाव मैदान में बचे हैं।
दोनो सीट से नॉमिनेशन रिजेक्ट
डाम्। विजय नारायण पाल ने कानपुर व अकबरपुर दोनो पार्लियामेंट से नॉमिनेशन फाइल किया था। हालांकि स्क्रूटनी के दौरान उनके दोनों ही सीट के नॉमिनेशन पेपर रिजेक्ट हो गए। वहीं सभी जन पार्टी के अशोक पासवान दोनों ही सीट से चुनाव मैदान में नजर आएंगे।