कानपुर (ब्यूरो) रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस सुविधा का लाभ सिर्फ उन रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा। जिन्होंने रेलवे की तरफ से जारी किए जाने वाले स्मार्ट उम्मीद मेडिकल कार्ड बनवा लिए हैं। उन्होंने बताया कि उम्मीद कार्ड बनने से पहले रेलवे कर्मचारियों का मेडिकल कार्ड मैनुअल व कार्ड वाला हुआ करता था। जिसका डाटा सिर्फ डिवीजन लेवल में होता है। हाल ही में बनाए गए उम्मीद कार्ड को रेलवे बोर्ड के डाटा बेस से ऑनलाइन जोड़ दिया गया है। जिससे कर्मचारी की पूरी डिटेल देश के किसी भी रेलवे डिपार्टमेंट में ऑनलाइन निकल सकती है।

उत्तर रेलवे क्षेत्र में आते छह राज्य
एनसीआर रीजन के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि रेलवे बोर्ड के उत्तर रेलवे क्षेत्र में यूपी समेत देश के छह राज्य आते हैं। जिसे यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर है। इन राज्यों में रेलवे में कार्यरत कोई भी कर्मचारी उत्तर रेलवे से छह राज्यों में किसी भी रेलवे हॉस्पिटल व रेलवे से अनुबंधित प्राइवेट हॉस्पिटल में स्थानीय रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टर के बिना रेफर लेटर के अपना व अपनी फैमिली का ट्रीटमेंट करा सकता है।

7 हजार से अधिक कर्मचारी
एनसीआर रीजन के अधिकारियों के मुताबिक कानपुर में विभिन्न रेलवे के डिपार्टमेंट में 7 हजार से अधिक कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत हैं। कर्मचारियों की फैमिली को मिलाकर लगभग 40 हजार से अधिक लोग रेलवे हॉस्पिटल में फ्री ट्रीटमेंट कराते हैं। कानपुर में कार्यरत कर्मचारी गंभीर बीमारी होने पर ट्रीटमेंट के लिए दिल्ली, वाराणसी समेत अन्य स्थानों के लिए जाते हंै। वर्तमान में पेशेंट को रेफर कराने के लिए अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। नई सुविधा के तहत अब वह सीधा अस्पताल में जाकर ट्रीटमेंट करा सकते हैं।

एक नजर में
- 7 हजार से अधिक कर्मचारी सिर्फ कानपुर में कार्यरत
- 40 हजार से अधिक लोग रेलवे फैमिली का हिस्सा
- 26 जनवरी को रेलवे बोर्ड ने जारी किए नए आदेश
- 6 राज्यों में डॉक्टर के बिना रेफर लेटर के रेलवे के हॉस्पिटल में उपचार करा सकेंगे कर्मचारी

&& रेलवे बोर्ड ने अपने कर्मचारी व उनकी फैमिली की सुविधा को देखते हुए नए आदेश जारी किए हैं। इससे कानपुर समेत रीजन में कार्यरत हजारों कर्मचारी व उनके फैमिली को काफी राहत मिलेगी.&य&य
हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, एनसीआर