कानपुर(ब्यूरो)। केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी की रोड्स को दो साल के अंदर अमेरिका जैसा बना देने का दावा किया है। लेकिन शहर की सडक़ों पर निकलते ही आपको इस दावे पर खुद ब खुद हंसी आने लगेगी। क्योंकि रोड एक्सीडेंट में होने वाली मौतों के मामले में कानपुर यूपी में नंबर वन है, इसे बावजूद सडक़ सुरक्षा को लेकर सिर्फ बातें होती हैं, काम नहीं। रोड व चौराहों से जेब्रा क्रासिंग, स्टॉप लाइन समेत अन्य साइन बोर्ड लापता हो चुके हैं। स्कूलों, हॉस्पिटल व यू टर्न के पहले वार्निंग देने के लिए साइन बोर्ड भी आपको कहीं नहीं दिखाई देंगे। जो एक्सीडेंट का कारण बन रहे हैं। जबकि इसके लिए न बजट की कमी है न स्टाफ की। कमी है तो बस इच्छाशक्ति की।

सिग्नल पड़े हैं खराब
सिटी के चौराहों में लगे अधिकतर ट्रैफिक सिग्नल खराब पड़े हुए हैं। कुछ चौराहों पर सिग्नल की लाइटें चलती भी हैं तो उनकी टाइमिंग ही नहीं सेट है। लिहाजा अन्य शहरों या प्रदेशों से आने वाले लोगों को ट्रैफिक सिग्नल की लाइटें बहुत कंफ्यूज करती है कि चलना है या फिर रुकना है। यहीं कारण है कि रात में सिटी के अंदर यह सिग्नल लाइटों की वजह से जाम का स्थिति पैदा कर देती हैं। इसका मुख्य कारण सिग्नल लाइटों की टाइमिंग सेट न होना है। कई बार यह सिग्नल की खराबी एक्सीडेंट का कारण भी बन जाती हैं।

जानलेवा डिवाइडर
सिटी की सडक़ों में अधिकतर स्थानों पर डिवाइडर शुरू होने के पहले वार्निंग बोर्ड व रेडियम टेप नहीं लगा है। अचानक डिवाइडर शुरू होने से वाहन अक्सर इनसे भिड़ जाते हैं। सडक़ पर डिवाइडर के शुरुआती स्थान पर रेडियम टेप भी नहीं लगा है। इसकी वजह से रात में व्हीकल ड्राइवर को दूर से डिवाइडर नहीं दिखाई देता है। रास्ते में अचानक डिवाइडर दिखाई देने पर ड्राइवर उससे बचने की कोशिश करता है और एक्सीडेंट का शिकार बन जाता है।

किस कट से कौन निकल आए, पता नहीं
जीटी रोड हो या सिटी की अन्य सडक़ों के यू टर्न प्वाइंट में किसी प्रकार का साइन बोर्ड नहीं लगा है। जिससे व्हीकल ड्राइवर को यू टर्न प्वाइंट के पहले पता चल जाए कि यहां से कुछ दूरी पर यू टर्न है। यू टर्न प्वाइंट में साइन बोर्ड न लगे होने की वजह से भी कई एक्सीडेंट हो चुके हैं। किस यू टर्न कट से कौन निकल कर आपके व्हीकल के सामने आ जाए। इसका पता भगवान को भी नहीं होता है। रोड एक्सीडेंट के इस महत्वपूर्ण कारण के समाधान के लिए जिम्मेदार कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

ट्रैफिक स्टॉफ
- एक डीसीपी &आईपीएस&य
- एक एडीसीपी &पीपीएस&य
- चार टीआई भी शहर में
- 28 से अधिक टीएसआई
- 220 से अधिक कांस्टेबल
- 400 से अधिक होम गार्ड

यह समस्या
- जेब्रा क्रासिंग व स्टॉप लाइन खत्म हो चुकी
- सडक़ों पर वार्निंग बोर्ड भी नहीं लगे
- डिवाइडर में रेडियम टेप नहीं लगे हुएं
- यू टर्न के पहले साइन बोर्ड नहीं लगाए
- कई ट्रैफिक सिग्नल खराब, कहीं बंद कहीं टाइमिंग गड़बड़