- आर्यनगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मेक इन इंडिया कोरोना वायरस वैक्सीन का किया गया था ह्यूमन ट्रॉयल

- वॉलंटियर्स के ब्लड की जांच में एंटीबॉडी में टाइटर बढ़ने की पुष्टि, 84 दिन बाद फिर ब्लड सैंपल की होगी जांच

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KANPUR: कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए पहली मेक इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। कानपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में 33 वॉलंटियर्स को स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लगाने के बाद ब्लड सैंपल की जांच में सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। जिसकी पुष्टि आईसीएमआर ने भी की है। ब्लड सैंपल की जांच में एंटीबॉडी के टाइटर बढ़ने की पुष्टि आईसीएमआर ने की है। अब 84 दिन बाद फिर से सभी वॉलंटियर्स के ब्लड सैंपल लेकर जांच की जाएगी।

जानवरों पर ट्रायल सफल रहा

मालूम हो कि कानपुर में आर्यनगर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में 31 जुलाई को पहली बार 33 वॉलटियर्स को मेक इन इंडिया कोरेाना वैक्सीन का पहला डोज दिया गया था। देश भर में इस वैक्सीन के डोज 350 वॉलटियर्स को दिए गए थे। वैक्सीन देने के 14 दिन बाद इन सभी वॉलटियर्स के ब्लड सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए आईसीएमआर के जरिए नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजा गया था। इस इस जांच के नतीजे सामने आ रहे हैं। मालूम हो कि आईसीएमआर, एनआईवी पुणे और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने इस कोरोना वैक्सीन को तैयार किया है। जानवरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है अब पहली व दूसरी स्टेज के ह्यूमन ट्रॉयल चल रहे हैं।

बूस्टर डोज भ्ाी दिया गया

कानपुर में इस वैक्सीन ट्रॉयल के चीफ गाइड प्रो। जेएस कुशवाहा ने बताया कि वैक्सीन की पहली डोज 31 जुलाई को दी गई थी। कोई साइडइफेक्ट नजर नहीं आने पर उन्हें बूस्टर डोज भी दी गई। जिसके बाद 28 अगस्त को इन सभी वॉलटियर्स के ब्लड सैंपल एनआईवी पुणे भेजे गए। जांच के दौरान पता चला है कि पहली और बूस्टर डोज लगाने के बाद एंटीबॉडी के टाइटर बने हैं और बढ़े भी हैं। ट्रॉयल से जुड़ी यह सकारात्मक रिपोर्ट है। उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन तैयार हो जाए। हालांकि अभी 84 दिन बाद फिर सभी वॉलटियर्स के ब्लड सैंपल लेकर जांच की जाएगी। जिसमें देखा जाएगा कि एंटीबॉडी के जो टाइटर बने वह कितने दिन तक चले। टाइटर जितने बढ़ेंगे वैक्सीन उतनी ही असरदार होगी।

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ऐसे चल रहा ट्रायल

-33 वॉलंटियर्स को 31 जुलाई को वैक्सीन का पहला डोज दिया गया था

-14 दिन बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं आने पर सभी को बूस्टर डोज दी गई

-28 अगस्त को इन सभी वॉलटियर्स के ब्लड सैंपल एनआईवी पुणे भेजे गए।

-84 दिन बाद फिर से सभी वॉलंटियर्स के ब्लड सैंपल लेकर जांच की जाएगी।