कानपुर(ब्यूरो)। अग्निकांड से बुरी तरह टूट चुके रेडीमेड कपड़ा बाजार के कारोबारियों की मुश्किलों का अंत होता नजर नहीं आ रहा है। आग से करोड़ों का माल जलकर राख हो चुका है, वहीं इस घटना से पहले जिस माल का ऑर्डर कारोबारी सूरत, मुंबई, अहमदाबाद, लुधियाना आदि शहरों में कर चुके थे, वह अब ट्रांसपोर्ट के जरिए कोपरगंज पहुंचने लगा है। कारोबारियों के सामने सबसे बड़ा सकंट ये है कि आखिर ये माल कहां रखें? गोदाम व दुकानें तो आग में जल चुकी हैं और अगर बची भी हैं तो वहां जाने की अनुमति नहीं है।

ट्रांसपोर्ट के गोदाम भी ओवरलोड
कारोबारियों के मुताबिक सामान्यतौर पर 20 ट्रक माल रोज ही इस बाजार में आता है। आग लगने की घटना के 10 दिन हो चुके हैं। शुरुआत में ट्रांसपोर्टर आग की घटना को देखते हुए माल अपने पास ही रोके रहे लेकिन अब लगातार माल आ रहा है, ऐसे में वे भी कारोबारियों पर माल उठाने के लिए दबाव बना रहे हैं ताकि उनके गोदाम भी खाली हो सकें।

अपनों से मांग रहे मदद
शुरुआती दौर में पीडि़त व्यापारियों ने अपने करीबी कारोबारियों के यहां ही जगह लेकर माल रखना शुरू कर दिया है। काफी माल खुले में भी पड़ा है। कारोबारियों को डर है कि अगर मौसम खराब हुआ तो वह माल भीगकर खराब हो जाएगा। वहीं उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित रहते हैं। इसीलिए व्यापारी अपने करीबियों से भी आग्रह कर रहे हैं कि माल रखने की जगह दिला दें। कुछ कारोबारी अपने यहां माल रखने की सुविधा दे रहे हैं लेकिन उनके सामने भी संकट है कि वे अपने माल के साथ कितने कारोबारियों का माल रख सकते हैं।

व्यापारियों को जागरूक करेगी कमिश्नरेट पुलिस
बांसमंडी जैसा हादसा दोबारा न हो इसलिए कमिश्नरेट पुलिस शहर के व्यापारियों को जागरूक करेगी। इसके लिए अग्निशमन विभाग के नेतृत्व में थाना पुलिस की मदद से एक अभियान चलेगा, जिसमें शहर के प्रमुख बाजारों में बिखरे पड़े अनियोजित तारों को हटाने, अग्निशमन के उपायों को लागू करने का प्रयास होगा। ये अभियान कार्रवाई कम और जागरूकता बढ़ाने वाला ज्यादा होगा। पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने बताया कि बांसमंडी हादसे के पीछे बड़ी वजह शार्ट सर्किट है। अब तक जांच में यही सामने आया है कि ट्रांसफार्मर से हुआ शार्ट सर्किट तारों से एआर टावर तक गया और आग लग गई.अभियान में प्रमुख भूमिका अग्निशमन विभाग निभाएगा।