- खुर्जा से भाऊपुर तक डीएफसी लाइन शुरू होने से समय से पहले पूरा हो जाएगा हाईस्पीड प्रोजक्ट
- कानपुर से दिल्ली के बीच ट्रैक मेंटीनेंस व रिप्लेसमेंट का काम करने में मिलेगा भरपूर समय
KANPUR। खुर्जा से भाऊपुर के बीच डीएफसी रेलवे ट्रैक शुरू होने से बार-बार ब्लॉक लेने की प्रॉब्लम भी नहीं फेस करनी होगी। अब ट्रैक मेंटीनेंस के लिए पीडब्ल्यूआई को ब्लॉक नाम मात्र ही लेना पड़ेगा। जबकि पहले मेंटीनेंस की वजह से लिए जाने वाले ब्लॉक की वजह से पैसेंजर्स ट्रेनें घंटों लेट हो जाती थी। वर्तमान में ट्रैक में लोड न होने की वजह से पीडब्ल्यूआई की टीम निर्धारित समय में मेंटीनेंस व रिप्लेसमेंट का काम कर रही है। जिस समय ट्रेन का लोड नहीं होता है। इससे पैसेंजर ट्रेन प्रभावित नहीं होती हैं।
पैसेंजर ट्रेनों काे नई रफ्तार
इससे कानपुर से दिल्ली के बीच पैसेंजर ट्रेनों को नई रफ्तार मिल गई है। इस रूट में ट्रेनें अधिकतम 160 किमी की स्पीड से दौड़ सकेंगी। इस प्रोजक्ट पर वर्ष 2018 से काम चल रहा है। कोरोना के पहले ट्रैक में ट्रैफिक ओवर लोड होने पर ट्रैक रिप्लेसमेंट व मेंटीनेंस का वर्क के लिए अधिक समय नहीं मिल पाता था। इसकी वजह से हाईस्पीड प्रोजक्ट काफी धीमी स्पीड से चल रहा था। डीएफसी शुरू होने के बाद प्रोजक्ट में तेजी से काम चल रहा है।
450 किमी ट्रैक क्लियर
रेलवे आफिसर के मुताबिक, खुर्जा से भाऊपुर तक डीएफसी शुरू होने के बाद दिल्ली-कानपुर रूट से गुड्स ट्रेनों का लोड कम हो गया है। इसकी वजह से पीडब्ल्यूआई टीम को ट्रैक मेंटीनेंस व रिप्लेसमेंट करने का पूरा समय मिल रहा है। ट्रैफिक लोड कम होने की वजह से ब्लॉक भी नहीं लेना पड़ रहा है। जिससे पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित हो। उन्होंने बताया कि संभावना जताई जा रही है कि छह माह में कानपुर से गाजियाबाद तक लगभग 450 किमी तक रेलवे ट्रैक हाईस्पीड ट्रेनों के दौड़ने के पूरी तरह से तैयार होगा।
कैटल रन ओवर वाले स्थान चिन्हित
एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि दिल्ली-हावड़ा रूट में हाईस्पीड ट्रेनों को दौड़ाने में सबसे अधिक कैटल रन ओवर की समस्या को रोकना चैलेंजिंग है। उन स्थानों को चिन्हित किया गया है। जहां कैटल रन ओवर की समस्या अधिक होती है। ऐसे स्थानों में ट्रैक के दोनों तरफ लोहे की जालियों को लगाकर कवर किया जा रहा है। जिससे आवारा जानवर ट्रैक में न आ सके।
यह काम चल रहा है
- रेल ट्रैक मेंटीनेंस
- रेल ट्रैक रिप्लेसमेंट
- कैटल रन ओवर की समस्या पर अंकुश लगाना
- यार्ड व स्टेशनों में नई लूप लाइन
- एकीकृत कंट्रोल ऑफिस से ट्रेनों का संचालन करना
- अल्ट्रासोनिक मशीनों से ट्रैक की पेट्रोलिंग
आंकड़े
- 70 गुड्स ट्रेनों का डेली लोड कम हुआ रेल ट्रैक से
- 50 पैसेंजर ट्रेनों का डेली आवागमन इस ट्रैक पर
- 40 से अधिक वीकली व सप्ताह में तीन दिन पैसेंजर ट्रेन का संचालन हो रहा
- 30 परसेंट गुड्स ट्रेन का लोड वर्तमान में है कानपुर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर
- 70 हजार से अधिक पैसेंजर्स को डेली मिलेगी लेटलतीफी की समस्या से निजात
भाऊपुर से खुर्जा के बीच डीएफसी लाइन शुरू होने से कानपुर-दिल्ली रेल ट्रैक का लोड काफी कम हो गया है। कोरोना की वजह से वैसे भी पैसेंजर ट्रेनों का लोड कम है। ऐसे स्थिति में ट्रैक के मेंटीनेंस व रिप्लेसमेंट के लिए भरपूर समय मिल रहा है। दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर