कानपुर (ब्यूरो) शहर में क्राइस्ट चर्च और वीएसएसडी कॉलेज सौ साल पुराने हैं। इनकी बिल्डिंग भी जर्जर हो चुकी है। कई जगहों पर पुताई तक नहीं है। इसके साथ ही डीएवी, पीपीएन, डीबीएस, हरसहाय, अर्मापुर, एसएन सेन, महिला महाविद्यालय, डीएवी ट्रेनिंग सहित लगभग सभी अनुदानित कॉलेजों में कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। कई कॉलेजों में सालों से पुताई तक नहीं कराई गई है। मेंटीनेंस के नाम पर प्रबंधक बजट न होने की बात करते हैं। सालों पुराना स्ट्रक्चर ही चल रहा है। टीचर्स भी उसी के अनुसार शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं।
40 साल से फीस स्ट्रक्चर नहीं बदला
एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि 40 साल से कॉलेजों का फीस स्ट्रक्चर नहीं बदला गया है। प्राइवेट स्कूल में बच्चों की फीस महीने की दो से दस हजार रुपये है जबकि अनुदानित कॉलेज में आज भी दो से पांच हजार रुपये साल की फीस है।
नई शिक्षा नीति में ये फैसिलिटी होंगी
- क्लासरूम को आधुनिक किया जाना
- नए कोर्स के मुताबिक लैब अपडेट हो
- कॉलेज कैंपस में वाईफाई की सुविधा
- ई- बुक लाइब्रेरी
- विशेषज्ञों की स्पीच
- करियर काउंसलिंग प्रोग्राम
- प्लेसमेंट ड्राइव
बोले प्रिंसिपल :
शासन की ओर से कॉलेजों में शिक्षकों के वेतन के अलावा एक रुपये भी अनुदान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कॉलेजों को हाईटेक करना बड़ी चुनौती है।
डॉ। विपिन कौशिक, प्रिंसिपल, वीएसएसडी कॉलेज
नई शिक्षा नीति के तहत कोर्स डिजाइन किए गए हैं। अच्छी बात है लेकिन इसे इंप्लीमेंट कराने के लिए भी सरकार को बजट भी देना चाहिए।
डॉ। अनूप कुमार सिंह, प्रिंसिपल, पीपीएन कॉलेज