बत्तीस साल के सुखबीर सिंह इंग्लैंड और वेल्स स्थित मैकडोनाल्ड के सभी 1200 रेस्टोरेंट में जाकर खान-पान नहीं कर सकते। सुखबीर को ये सजा महिला टॉयलेट में ताकझांक करने पर दी गई है। हालांकि सुखबीर ने इन आरोपों से इनकार किया। लेकिन बर्मिंघम की अदालत ने उन्हें दूसरे की निजता को अपनी यौन संतुष्टि के लिए भंग करने का दोषी पाया। मामले की शुरुआत बर्मिंघम स्थित मैकडोनाल्ड आउटलेट से हुई। सुखबीर सिंह पर आरोप है कि वो बर्मिंघम वाले मैकडोनाल्ड के महिला टॉयलेट में छिपे बैठे थे। और उन्हें वहां पर ताकझांक करते एक महिला ने देखा था। ब्रितानी अख़बार 'डेली मेल' के मुताबिक महिला ने रेस्टोरेंट के स्टॉफ को इसके बारे में जानकारी दी लेकिन तब तक सुखबीर वहां से भाग निकला। बाद में सीसीटीवी की फ़ुटेज के जरिए उनकी पहचान हो गई।
जुर्माना भी देना होगा
घटना के दस दिन के बाद पुलिस ने सुखबीर को बर्मिंघम के हैंड्सवर्थ इलाके से गिरफ़्तार किया। सुखबीर ने यही हरकत एक बार पहले मैकडोनाल्ड के एक अन्य रेस्टोरेंट में इसी वर्ष तीन फरवरी को भी की थी। सुखबीर के इस रवैये की वजह से इंग्लैंड और वेल्स के सभी 1200 मैकडोनाल्ड रेस्टोरेंट में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई। इसके अलावा दूसरी जगहों पर स्थित महिला प्रसाधन कक्ष और टॉयलेट से भी सुखबीर को दूर रहना होगा। पहली बार इस तरह की ताकझांक करने वाले किसी शख्स पर किसी रेस्टोरेंट ने पाबंदी लगाई है। इसके अलावा उन पर 6 महीने तक नजर रखी जाएगी और 12 महीने तक उन्हें सामुदायिक सेवाओं में अपना योगदान देना होगा। इसके लिए उन्हें 100 घंटे मुफ्त में काम करना होगा। इसके अलावा उन्हें 50-50 पाउंड दोनो पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर देना होगा जबकि कानूनी खर्चे के लिए अलग से 620 पाउंड का भुगतान करना होगा। इंग्लैंड और वेल्स स्थित मैकडोनाल्ड के सभी रेस्टोरेंट में सुखबीर की तस्वीर और उनके अपराध की सूची भेज दी गई है ताकि अगर सुखबीर इस सज़ा का उल्लंघन करते पाए गए तो उनकी पहचान संभव हो।
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