कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप खुद का आशियाना बनाने की सोच रहे हैं तो यह अच्छा मौका है। बीते दो साल से कानपुर में घर की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। अलबत्ता फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के पहले 2 क्वार्टर्स में मकानों की प्राइज ग्रोथ निगेटिव रही है। आरबीआई की ओर से जारी किए गए हाउस प्राइस इंडेक्स के मुताबिक कानपुर को देश के 10 प्रमुख शहरों में सबसे कम प्वाइंट्स मिले हैं। इंडेक्स में कानपुर, लखनऊ, 4 मेट्रो सिटीज समेत 10 शहरों को शामिल किया गया है। रियल एस्टेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना काल की वजह से इस सेक्टर में मांग बेहद कम हो गई है। जिसका असर एचपीआई में भी दिख रहा है। हालांकि घर खरीदने वालों के लिए यह अच्छा मौका है.
नहीं बदले कोई हालात
आरबीआई के एचपीआई के मुताबिक, कोरोना काल में रियल स्टेट सेक्टर को बड़ा झटका मिला है। सिटी में रियल स्टेट सेक्टर में लगातार दूसरे साल मांग में कोई बदलाव नहीं आया है। बीते साल के हाउस प्राइस इंडेक्स में भी रियल स्टेट सेक्टर में घरों की कीमतों में ग्रोथ निगेटिव थी। केडीए हो या प्राइवेट डेवपलर्स दोनों ही जगहों पर खाली फ्लैटों की बड़ी इनवेंट्री है। केडीए ने कई बार अभियान चला कर अपने खाली फ्लैटों की बिक्री के प्रयास किए, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में केडीए के बनाए हुए फ्लैट खाली पड़े हैं।
लखनऊ में बढ़ी कीमतें
कोरोना काल में मकान की कीमतों में बढ़ोत्तरी के डाटा पर गौर करें तो लखनऊ में एचपीआई में पॉजिटिव ग्रोथ दिखती है। वहीं सबसे ज्यादा मकानों की कीमतों में बढ़ोत्तरी अहमदाबाद में हुई है। जो इस इंडेक्स के मुताबिक 9 परसेंट है। जबकि दिल्ली में ग्रोथ रेट माइनस 5.5 परसेंट है।
फैक्ट फाइल
10- प्रमुख शहरों को लेकर जारी किया गया इंडेक्स, फाइनेंशियल ईयर 20-21 में फर्स्ट और सेकेंड क्वार्टर का डाटा
4- मेट्रो सिटीज भी शामिल
माइनस 1.1 परसेंट- ऑल इंडिया एचपीआई
9.0 परसेंट-अहमदाबाद में मकान की कीमतों में इजाफा
माइनस 5.5 परसेंट- दिल्ली में मकानों की कीमतों में ग्रोथ की स्थिति
171.1-प्वाइंट्स एचपीआई में कानपुर के 10 शहरों में सबसे कम (बेस प्वाइंट 100 है)
170.4-प्वाइंट्स एसपीआई में कानपुर के 10 शहरों में सबसे कम फर्स्ट क्वार्टर में
इंडेक्स में शामिल यह शहर
-दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बंगलुरू, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, कोच्चि
कैसे निर्धारित होता है एचपीआई
हाउस प्राइस इंडेक्स में घरों की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कैलकुलेशन प्रमुख शहरों में हाउसिंग रजिस्ट्रेशन अथॉरिटीज से मिले डाटा के बेस पर किया जाता है। इस डाटा को आरबीआई का डिपार्टमेंट ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड इंर्फोमेशन मैनेजमेंट की एनॉलिसिस डिवीजन के पास भेजा जाता है। जो पूरे डाटा को कंपाइल करके हर क्वार्टर के हिसाब से इंडेक्स जारी करता है।