कानपुर(ब्यूरो)। अंतर्राज्यीय बस अड््डे का दर्जा रखने वाला झककरटी आईएसबीटी पर हर तरफ समस्याओं की भरमार है। पैसेंजर्स से लेकर विभाग के ड्राइवर कंडक्टर तक पीडि़त हैं। महिला पैसेंजर्स के लिए तो यह मुसीबतों का अड्डा है। न तो उठने बैठने की कोई व्यवस्था और न सुरक्षा के इंतजाम। जो सबसे बड़ी समस्या है वो है टॉयलेट की। महिलाओं के टॉयलेट पर ताला लगा हुआ है। भीषण गर्मी में टूटी टिन की छत के नीचे महिलाओं को बैठना पड़ता है। ऊपर से अराजकतत्वों का आना जाना। बच्चे संभालें या फिर सामान। सुरक्षा के नाम पर एक गार्ड तक नहीं दिखता। ये हाल तब है जब प्रदेश में मिशन शक्ति का चौथा चरण चल रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं के लिए हर क्षेत्र में सुविधाओं का पिटारा खोल रखा है।

सुरक्षा भगवान भरोसे
24 घंटे में किसी भी समय बस अड्डे पर न तो महिला पुलिसकर्मियों का आना होता है और न ही बस अड्डे से लगाई गई सिक्योरिटी एजेंसी का। रात के समय अराजक तत्वों के बीच बैठी महिला कभी अपने सामान की रखवाली करती है तो कभी अपने बच्चों की। इनके लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं बनाया गया है। वेटिंग रूम के अंदर गर्मी और बाहर गंदगी की बदबू, जिससे लोग वहां बैठ भी नहीं सकते।

2 मिनट में हो जाती है &सफाई&य
विभाग की तरफ से बस अड्डे की सफाई के लिए सफाई कर्मियों का इंतजाम भी किया गया है, लेकिन ये सफाई कर्मी कहीं दिखाई नहीं देते। हां, यहां बोतल और कूड़ा बीनने के नाम पर पल भर में आपका सामान पार करने वाले जरूर मिल जाएंगे। जानकारी करने पर पता चला कि सफाई कर्मी अधिकारियों के बंगले पर काम करते मिल जाएंगे।
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  • लखनऊ से आकर इटावा जाने के लिए बस का इंतजार कर रही हूं। दोपहर 12 बजे से 3 बज गया। कहा गया है कि चार बजे बस जाएगी। इंतजार कर रही हूं। पूरे दोपहर गर्मी में कट गई, बच्चों की भी परेशानी है।
    पुष्पा, लखनऊ
  • दो दिन पहले रिश्तेदारी में आई थी, यहां से पति प्रयागराज चले गए। बच्चों को लेकर इटावा जाना है। बस अड्डे पर कोई सुविधा नहीं है, बसें कब आती हैैं? कब चली जाती हैैं, पता ही नहीं चल रहा है।
    सुमन, इटावा
  • कानपुर से प्रयागराज जाना है। रात के एक बज रहे हैं। बताया गया है कि बस सुबह चार बजे जाएगी। रात के समय महिलाएं अकेले कैसे यात्रा करेंगीं। बस अड्डे पर कहीं टॉयलेट भी नहीं है।
    लक्ष्मी, कानपुर
  • - तीन घंटे से बहराइच की बस नहीं मिली है। पूछताछ से पता नहीं चल रहा है। यहां टॉयलेट का इंतजाम भी नहीं है, कुछ दूरी पर लेडीज टॉयलेट बना है, वहां ताला लगा है। कोई सुनने वाला नहीं है।
    मंजू, बहराइच
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    महिलाओं के लिए होनी चाहिए ये सुविधाएं
    - महिलाओं के लिए अलग वेटिंग रूम
    - वेटिंग रूम में केयर टेकर भी होना चाहिए।
    - वेटिंग रूम में एसओएस बटन होनी चाहिए।
    - वेटिंग रूम में पुरुषों का प्रवेश वर्जित
    - बसों के आने जाने की सूचना के लिए ध्वनि प्रसारित यंत्र
    -रूम में पानी, हवा और बैठने का समुचित इंतजाम
    - किसी रिश्तेदार से बात करने के लिए फोन की सुविधा
    - समय- समय पर इस कमरे की चेकिंग
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    बस अड्डे की मरम्मत की जा रही है। महिलाओं को लिए जो सुविधाएं होती हैैं, वे बनाई जा रही हैैं। जल्दी ही सारी सुविधाएं दी जाएंगी।
    राजेश कुमार, एआरएम