- प्राइवेट हॉस्पिटल से बिना गाइडलाइन फालो किए भेजा हैलट, फ्लू ओपीडी से रेजीडेंट्स ने टरकाया, उर्सला ले जाते वक्त वृद्धा की मौत
- मौत के बाद आया कंट्रोल रूम से फोन, कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक अंतिम संस्कार कराने के लिए घाट पर परिवार वालों ने की मिन्नतें
KANPUR: कोरोना वायरस को लेकर तमाम दावों, गाइडलाइन और इंतजामों के बीच एक और कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई। गोविंद नगर में रहने वाली बुजुर्ग महिला के इलाज में हर स्तर पर लापरवाही हुई। किडनी इंफेक्शन के साथ संास लेने में तकलीफ होने पर परिजन उन्हें लेकर सर्वोदय नगर स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। जहां किडनी की प्रॉब्लम होने पर उस अस्पताल ने स्वरूपनगर स्थित अपने किडनी लीवर वाले हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा। वहां ले जाने पर पहले पेशेंट की कोरोना जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। जिस पर अस्पताल ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए और बिना स्वास्थ्य विभाग को सूचना दिए हैलट ले जाने के लिए कह दिया।
हैलट से टरकाया, रास्ते में मौत
परिजनों ने प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था करने की कोशिश की तो उनसे 10 हजार रुपए मांगे गए। जिसके बाद अपने वाहन से ही परिजन वृद्धा को लेकर हैलट हॉस्पिटल की फ्लू ओपीडी पहुंचे। आरोप है कि फ्लू ओपीडी में मौजूद रेजीडेंट्स ने अस्पताल में जगह नहीं होने की बात कह उन्हें भर्ती नहीं किया। इस बीच वृद्धा की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। मजबूरी में परिजन वृद्धा को लेकर उर्सला के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
मरने के बाद भी लापरवाही
रास्ते में वृद्धा की मौत होने के बाद परिजन शव लेकर घर पहुंचे। तब स्वास्थ्य विभाग से उन्हें फोन आया। जब परिजनों ने वृद्धा की मौत की सूचना दी तो उन्हें एक नंबर देकर उस पर इसकी सूचना देने के लिए कहा गया। परिजनों ने उस नंबर पर सूचना दी तब पता चला कि वृद्धा का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के मुताबिक होगा। शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ परिजन शव लेकर भैरोघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह पहुंचे। जहां कर्मचारी ने बिना डेथ सर्टिफिकेट के अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजनों की काफी मिन्नतों के बाद कर्मचारी मानें जिसके बाद वृद्धा का अंतिम संस्कार हो सका।